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प्लाईवुड व्यापारियों को राहत, शिक्षामंत्री ने लाइसेंस फीस वापस दिलाने का किया एलान Panipat News

शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि प्लाईवुड व्यापारियों को लाइसेंस फीस के 80 करोड़ वापस दिलाएंगे। स्वागत समारोह में कंवरपाल गुर्जर ने आश्वासन दिया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 01:21 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 01:22 PM (IST)
प्लाईवुड व्यापारियों को राहत, शिक्षामंत्री ने लाइसेंस फीस वापस दिलाने का किया एलान Panipat News
प्लाईवुड व्यापारियों को राहत, शिक्षामंत्री ने लाइसेंस फीस वापस दिलाने का किया एलान Panipat News

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। प्लाईवुड व्यापारियों की ओर से कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर, विधायक घनश्याम दास अरोड़ा व मेयर मदन चौहान का स्वागत समारोह किया गया। व्यापारियों ने इसमें कई मांगें भी रखीं। इसमें मार्केट कमेटी की फीस खत्म करने व लाइसेंस फीस वापस किए जाने की मांग प्रमुख थीं।

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मंत्री कंवरपाल गुर्जर व विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने कहा कि मार्केट कमेटी फीस के लिए प्रयास किए जाएंगे। पहले भी पांच साल तक प्रयास किए, लेकिन सीएम को हम नहीं मना सके। सीएम के साथ बैठक हुई थी। तब सीएम ने यही कहा था कि कोई लेखाजोखा तो होना जरूरी है। पहले ही लोग प्लाईवुड के बारे में बातें करते हैं। इस दौरान कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने प्लाईवुड व्यापारियों की लाइसेंस फीस के फंसे करीब 80 करोड़ रुपये वापस दिलाने का आश्वासन दिया। 

व्यापार में इतनी दिक्कत भी नहीं है जितनी दिखा रहे : गुर्जर

शहर के निजी होटल में आयोजित समारोह में कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने यह भी कहा कि व्यापार में इतनी दिक्कत भी नहीं है जितनी दिखा रहे हैं। अभी कुछ दिक्कतें हैं उसे दूसरे करने के प्रयास किए जाएंगे। सरकार ने जीएसटी शुरू किया था। अब व्यापारी इससे संतुष्ट हैं। वही बता रहे हैं कि फलां व्यापारी जीएसटी नहीं दे रहा है। उस पर भी कार्रवाई करें। अब वह वन मंत्री भी हैं। इसलिए प्लाईवुड व्यापारियों के लाइसेंस फीस वापस किए जाने का फैसला लेना है। सीएम भी तैयार हैं। जल्द ही इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया जाएगा। विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने भी उद्यमियों को नसीहत दी। 

व्यापारी बोले- हमें चाहिए राहत 

प्लाईवुड एसोसिएशन के प्रधान जेके बियानी ने कहा कि एग्रो फॉरेस्ट्री (पोपुलर-सफेदा) आधारित वुड आधारित उद्योग लाइसेंस मुक्त हो गई, लेकिन राहत नहीं मिली। लाइसेंस की फीस को अधिकारियों ने रजिस्ट्रेशन में बदल दी है। इससे व्यापारियों के करोड़ों रुपये फंस गए। वन विभाग के अधिकारियों ने केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन (एग्रो फॉरेस्ट्री को लाइसेंस मुक्त करने) की राय मांगी थी। मिनिस्ट्री ऑफ इनवायरमेंट फोरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज के डिप्टी इंस्पेक्टर ऑफ फोरेस्ट एके मोहंती ने एग्रो फॉरेस्ट्री को लाइसेंस मुक्त करने का लेटर जारी कर दिया है। फिर भी लाइसेंस फीस को रजिस्ट्रेशन में बदल दी गई। जीएसटी में भी राहत मिले।


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