निजी स्कूलों में नहीं बिकेगी किताब और ड्रेस
शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर नए सत्र से निजी स्कूलों में पुस्तक और ड्रेस की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर नए सत्र से निजी स्कूलों में पुस्तक और ड्रेस की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। प्रत्येक शैक्षिक सत्र के दौरान अभिभावक स्कूलों द्वारा खुद किताबों और ड्रेस की बिक्री के साथ विशेष दुकान से ही सामान खरीदने के दबाव बनाने की शिकायत के बाद शिक्षा निदेशक ने कदम उठाया है। जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है।
भारी-भरकम फीस वसूलने के साथ निजी स्कूल संचालक नए सत्र में शिक्षा के मंदिर को दुकान बनाने से भी नहीं चूकते हैं। अधिक मुनाफा कमाने के लिए प्रति वर्ष कोर्स बदल दिया जाता है। पूरा कोर्स भी नहीं बदलते तो कुछ किताबों में बदलाव किया जाता है। इन किताबों के लेखक भी स्कूल इस तरह से चुनते है कि सामान्य दुकानों पर इन लेखकों की किताबें नहीं मिल पाती है। इसके साथ स्कूल संचालक बच्चों को ड्रेस भी स्कूल या उनके द्वारा निर्धारित की गई दुकान से ही लेने के लिए बाध्य करते हैं। दुकान तय करने के लिए एडवांस में लाखों की लेन-देन होती है। निजी स्कूलों की इस मनमानी से प्रत्येक मध्यम वर्गीय परिवार का बजट पूरे वर्ष के लिए बिगड़ जाता है। अभिभावकों की शिकायत पर शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिलों के शिक्षाधिकारियों को पत्र जारी करके नए सत्र में विद्यालयों में किताबों और ड्रेस की बिक्री पर नकेल कसने के आदेश दिए हैं। अब देखना होगा कि जिले के शिक्षा अधिकारी निजी स्कूलों की मनमानी को कहां तक रोक पाते हैं।