चतुर्थ श्रेणी कर्मी की नौकरी, हरियाणा के कोने-कोने से पानीपत आ रहे पढ़े लिखे आवेदक, पति संभाल रहे बच्चे
महिलाओं ने दिया चपरासी पद का इंटरव्यू जीवनसाथी संभाल रहे थे बच्चा। पानीपत में 12 हजार से अधिक ने किया है आवेदन। 13 ही नौकरियां हैं। हरियाणा के अलग-अलग जिलों से एमए बीए बीटेक पास युवा भी इस नौकरी के लिए पहुंच रहे।
पानीपत, जेएनएन। पानीपत में चपरासी पद के लिए 13 नौकरियां निकली हैं। 12 हजार से अधिक के आवेदन स्वीकार हुए हैं। हरियाणा के हर जिले से आवेदक पहुंच रहे हैं। इनमें महिलाओं की भी संख्या कम नहीं है। पति बाहर बच्चों को संभाल रहे हैं तो पत्नी अंदर इंटरव्यू दे रही हैं।
गृहस्थी रूपी गाड़ी के पति-पत्नी दो पहिये हैं। दोनों साथ चलेेंगे तभी उनके बच्चों के चेहरों पर खुशी देखने को मिलेगी। शनिवार को न्यायालय परिसर में पत्नी को साक्षात्कार दिलाने पहुंचे युवाओं ने कुछ ऐसे ही संदेश दिए। महिलाओं ने चपरासी पद के लिए साक्षात्कार दिया तो जीवनसाथी बच्चे संभालते दिखे।
वर्णमाल के अनुसार रोस्टर
अंग्रेजी वर्णमाला एस से शुरू होने वाले नामों के 1800 से अधिक पुरुष-महिलाएं इंटरव्यू देने के लिए न्यायालय परिसर में जमा हुए। दरअसल, अदालतों में 13 चपरासी की नियुक्ति होनी है।अधीक्षक कार्यालय जिला और सत्र न्यायाधीश की ओर से 31 जनवरी तक आवेदन मांगे गए थे। आवेदनों की छंटनी के बाद 12 हजार से अधिक को साक्षात्कार के लिए बुलाया जा रहा है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीषा बतरा ने अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार साक्षात्कार की तारीखों का रोस्टर जारी किया हुआ है। न्यायालय परिसर में प्रवेश के लिए लघु सचिवालय की पार्किंग एरिया में उम्मीदवारों का जमावड़ा रहा। साक्षात्कार 23 फरवरी तक चलेंगे।
साक्षात्कार की तारीखों का रोस्टर
तारीख वर्णमाला
22 फरवरी ओ, आर, टी
23 फरवरी पी, डब्ल्यू, वी, वाई, जेड
साथ देना तो बनता है
करनाल के गांव सालवन निवासी कमल, पत्नी सोनिया को साक्षात्कार दिलाने पहुंचे, बच्चा भी साथ रहा। कमल ने कहा कि पत्नी को नौकरी मिलने की पूरी उम्मीद है। तनख्वाह परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाएगी। साथ देना तो बनता है।
हम दोनों एक-दूजे के लिए
आठ मरला, पानीपत के निवासी विजय ने बताया कि छोटा सा बिजनेस था, कोरोना काल में खत्म हो गया। संकट की घड़ी में पत्नी सपना ने बहुत साथ दिया, नौकरी करने का भी निर्णय लिया। आज पत्नी के साथ मेरा यहां खड़े रहना जरूरी है।
रूढ़िवादी सोच त्यागनी होगी
झज्जर वासी नीरज भी पत्नी सोनी को साक्षात्कार दिलाने पहुंचे। उन्होंने कहा कि वह समय बीत गया, पत्नी का नौकरी करना पति को नागवार गुजरता था। मैं प्राइवेट जाब करता हूं। दोनों मिलकर कमाएंगे, तभी बच्चों को शिक्षित-कामयाब बना सकेंगे।