डाइंग सेक्टर को मिलेगा एसटीपी का पानी, सीएम ने जांची तैयारी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल दैनिक जागरण के जल जहर अभियान के साथ आ गए हैं। रंगाई उद्योगों (डाइंग सेक्टर) को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का साफ पानी दिया जाएगा। सीएम ने झंडी दे दी है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : मुख्यमंत्री मनोहर लाल दैनिक जागरण के 'जल जहर' अभियान के साथ आ गए हैं। रंगाई उद्योगों (डाइंग सेक्टर) को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का साफ पानी दिया जाएगा। सीएम ने झंडी दे दी है। उन्होंने प्रशासन को इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की फाइल भेजने को कहा है। दैनिक जागरण ने गत जून में अभियान चलाया था। सीएम मनोहर लाल शुक्रवार को करनाल के फरीदपुर गांव में मिली कुषाण कालीन शिव मूर्तियों को देखने के बाद तीन बजे अचानक सिवाह स्थित 35 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने पहुंचे। बिना निर्धारित कार्यक्रम के सीएम के आने से अधिकारियों की सांसें फूल गई। जनप्रतिनिधि भी आनन-फानन में पहुंचे। मुख्यमंत्री ने शहरी विधायक प्रमोद विज, ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा व डीसी सुमेधा कटारिया सहित अन्य अधिकारियों के साथ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को देखा। पानी की साफ होने की प्रक्रिया और उसके उपयोग के बारे में जानकारी ली। विधायकों ने सीएम से कहा कि रंगाई उद्यमी एसटीपी से निकलने वाले पानी की मांग कर रहे हैं। पानीपत डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीम राणा को मौके पर बुलाया गया। राणा ने कहा कि एसटीपी का ट्रीट किया पानी उन्हें मिल जाएगा तो उन्हें भूजल का दोहन नहीं होगा। यह खर्च आएगा प्रोजेक्ट पर सीएम ने डीसी सुमेधा कटारिया से पूछा की इस प्रोजेक्ट पर क्या खर्च आएगा। डीसी ने बताया कि पाइप लाइन बिछाने पर 28-29 करोड़ का खर्च होगा। सीएम ने कहा कि वे इसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट जल्द उन्हें भिजवा दें। उद्योगों को साफ पानी की सुविधा जल्द मिलेगी। विकास कार्यों पर विधायकों से चर्चा इससे पहले सीएम ने स्काईलार्क में दोनों विधायकों से शहर के विकास को लेकर चर्चा की। विधायकों ने एसटीपी का पानी उद्योगों को देने की बात सीएम के समक्ष रखी। सीएम इसके बाद ही एसटीपी देखने पहुंचे। दैनिक जागरण बना था उद्यमियों की आवाज दैनिक जागरण ने 23 जून से अभियान जल जहर अभियान चलाकर सर्वप्रथम हैंडलूम उद्योग की इस जरूरत की आवाज उठाई। स्काइलार्क में अभियान के समापन समारोह में तत्कालीन उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने भी साफ पानी दिलाने को लेकर सहमति जता दी। चंडीगढ़ में जुलाई के प्रथम सप्ताह में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर इस योजना का प्रस्ताव आगे बढ़ाया। विधायक ने विधानसभा चुनाव के बाद रंगाई उद्योगों पानी दिलवाने का आश्वासन दिया था। उद्योगों का चाहिए 30 एमएलडी पानी 35-35 एमएलडी को दो एसटीपी सिवाह में लगाए गए हैं। साफ होने वाला पानी गंदे नाले में डाला जाता है जो यमुना में मिल जाता है। रंगाई उद्योगों को प्रतिदिन 30 एमएलडी पानी की जरूरत है। एसटीपी से निकलने वाला पानी उद्योगों के उपयोग में आ सकता है। इससे उद्योगों को सस्ता पानी मिलेगा। भूजल दोहन नहीं हो सकेगा।