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डीएसपी नरेश अहलावत को नहीं मिली अग्रिम जमानत

पानीपत में समालखा के पूर्व और वर्तमान में मधुबन में तैनात डीएसपी नरेश अहलावत को अग्रिम जमानत नहीं मिली है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 10:36 AM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 10:36 AM (IST)
डीएसपी नरेश अहलावत को नहीं मिली अग्रिम जमानत
डीएसपी नरेश अहलावत को नहीं मिली अग्रिम जमानत

जागरण संवाददाता, पानीपत : समालखा के पूर्व और वर्तमान में मधुबन में तैनात डीएसपी नरेश अहलावत की अग्रिम जमानत याचिका मंगलवार को अदालत ने खारिज कर दी। उन पर एचपीसीएल (हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड) के साथ सात करोड़ से ज्यादा के रसोई गैस घोटाले में मुख्य आरोपित महिला से पूछताछ न करने पर केस दर्ज है। एडीजे की अदालत में याचिका खारिज होने के बाद अहलावत की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। उनके पास अब हाई कोर्ट जाने का रास्ता बचा है। पीड़ित पक्ष की तरफ से किसी वकील के केस न लेने पर उसके रिटायर्ड सिविल इंजीनियर पिता ने अपनी दलील पेश की।

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अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीके लाल की कोर्ट में सोमवार को करीब पौने दो घंटे बहस हुई थी। कोर्ट ने मंगलवार के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। बचाव पक्ष के 15-16 वकीलों ने शाम तक कोर्ट से मामले में फैसला देने के लिए समय मांगा। इसी बीच इस मामले में शिकायतकर्ता नीतिन शर्मा की तरफ से उसके पिता रामपाल शर्मा एडीजे के सामने पेश हुए। उन्होंने अपने आवेदन में कहा कि वह थर्मल से सिविल इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त हैं। वे अपनी बात कोर्ट में रखने को कई वकीलों से मिले, लेकिन कोई भी वकील उनका केस लेने को तैयार नहीं है। ऐसे में उनका केस करनाल ट्रांसफर कर दिया जाए या फिर उनको अपनी बात रखने का अधिकार दिया जाए। जज ने उनको कोर्ट पर विश्वास रखने की बात कहते हुए अपनी बात रखने की अनुमति दे दी।

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रामपाल शर्मा ने रखा पक्ष

रामपाल शर्मा ने कोर्ट को बताया कि उसके बेटे नीतिन शर्मा को इस मामले में फंसाया जा रहा है। मुख्य आरोपित महिला के साथ ठीक तरह से पूछताछ नहीं की गई। उसको जमानत का मौका दे दिया गया।

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यह है मामला

हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के सीनियर रिजनल मैनेजर संजय कौशिक ने 28 जुलाई 2010 में थाना मॉडल टाउन पुलिस को शिकायत दी थी। उन्होंने जाटल रोड स्थित कृष्णा गैस एजेंसी के मालिक नीतिन शर्मा सात करोड़ से ज्यादा की गैस लेकर पैसे न देने के आरोप लगाए थे। इस मामले में उनके साथ प्रवीण पुष्कर, राजीव पुरी और सतकरतार कॉलोनी निवासी पूनम पूरी शामिल थे। नीतिन को दो साल बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी, प्रवीण और राजीव पूरी को छह महीने जेल में रहने के बाद हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। इस मामले में पूनम पूरी को 10 अक्टूबर 2016 को अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया था। नीतिन शर्मा ने इसके बाद 4 मई 2018 को करनाल रेंज के एडीजीपी नवदीप विर्क को शिकायत दी थी। उनका आरोप है कि मैनेजर संजय कौशिक की शिकायत में पूनम पूरी मुख्य आरोपित है, लेकिन पूनम पूरी को पुलिस की कमजोर पकड़ के चलते एक घंटे में ही जमानत मिल गई। जबकि उनसे पूछताछ कर पूरे मामले का पर्दाफाश किया जा सकता था।


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