Move to Jagran APP

इसराना क्षेत्र के गांवों में स्वास्थ्य विभाग का डोर टू डोर सर्वे

विभागीय आकड़ों के मुताबिक इसराना पीएचसी के अंतर्गत आने वाले आठ गांवों में 18 हजार 190 लोगों की स्क्रीनिग की गई है। इनमें से 260 संक्रमित मिले।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 06:39 AM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 06:39 AM (IST)
इसराना क्षेत्र के गांवों में स्वास्थ्य विभाग का डोर टू डोर सर्वे
इसराना क्षेत्र के गांवों में स्वास्थ्य विभाग का डोर टू डोर सर्वे

अजय जैन, इसराना

loksabha election banner

ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। गांवों में घर-घर जाकर सर्वे किया जा रहा है। विभागीय आकड़ों के मुताबिक इसराना पीएचसी के अंतर्गत आने वाले आठ गांवों में 18 हजार 190 लोगों की स्क्रीनिग की गई है। इनमें से 260 संक्रमित मिले। हालांकि इनमें से अब केवल 37 केस ही एक्टिव हैं।

बीडीपीओ जितेंद्र शर्मा ने बताया कि गांव में आइसोलेशन सेंटर बनाने के साथ आशा व आंगनबाड़ी वर्कर, शिक्षक व नंबरदारों की एक टीम बनाई है। टीम ने डोर टू डोर जाकर सर्वे शुरू कर दिया है। एक साथ दस टीमों ने 32 गांवों में मोर्चा संभाला है। जोकि स्क्रीनिग करने के बाद मरीजों को पास के सब सेंटर, डिस्पेंसरी, पीएचसी और सीएचसी भेज रहे हैं। जहां मरीजों की जांच की जा रही हैं। जो लोग पॉजिटिव मिलते हैं, उन्हें घर में ही आइसोलेट किया जा रहा है। जिनके घर में आइसोलेट करने की जगह नहीं है उन्हें गांव में बने सेंटर पर भेजा जा रहा है।

260 में से 232 हुए रिकवर

इसराना पीएचसी के अंतर्गत आने वाले आठ गांव की आबादी 27 हजार 637 है। अभी तक 18 हजार से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिग की जा चुकी है। इनमें 260 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। उनमें से 232 लोग रिकवर भी हो चुके हैं। अभी केवल 37 केस की एक्टिव हैं। एक सप्ताह के अंदर सर्वे पूरा होने की उम्मीद हैं।

वहीं नौल्था गांव में एरिया की इकलौती सीएचसी है। उसके अंदर भी आठ गांव आते हैं। सभी गांवों में डिस्पेंसरी और सब सेंटर बने हैं। जहां जांच की सुविधा भी है। करीब 50 कर्मचारी इसमें लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग की करीब दस टीम काम कर रही हैं। एक टीम में चार सदस्य शामिल हैं।

टेस्टिंग का सामान हुआ खत्म

ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ती सुविधाओं के बीच अभी भी कुछ कमियां हैं। हाल की बात करें तो इसराना पीएचसी में कोरोना टेस्ट को लेकर सामान तक खत्म हैं। ऐसे में लोगों को नौल्था पीएचसी में भेजा जा रहा है। लोगों को नौल्था जाने के लिए सात से आठ किलोमीटर का फेर लगाना पड़ रहा है। फार्मासिस्ट राकेश का कहना है कि सामान खत्म होने के कारण ये परेशानी आई है। गांवों में बने आइसोलेशन सेंटर केवल संक्रमित लोगों के लिए हैं। जहां उपचार व सुविधा दी जाएंगी। ऑक्सीजन की कमी होने पर रिफाइनरी के पास बने अस्थायी कोविड अस्पताल भेजा जाता हैं। उन्होंने बताया कि दस लोगों को वैक्सीन लगाई गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.