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Lockdown में बिगड़ गई घरों की स्‍टोरी, एक साल में घरेलू हिंसा के सामने आए रिकॉर्ड तोड़ केस

एक साल में घरेलू हिंसा के करीब 344 मामले सामने आए हैं। ये मामले जनवरी 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक के हैं। यानी लॉकडाउन के समय सबसे ज्‍यादा घरेलू हिंसा के मामले हुए। यमुनानगर में ये सभी मामले आए।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 01:50 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 01:50 PM (IST)
Lockdown में बिगड़ गई घरों की स्‍टोरी, एक साल में घरेलू हिंसा के सामने आए रिकॉर्ड तोड़ केस
यमुनानगर में घरेलू हिंसा के मामले सामने आए।

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। लॉकडाउन में कई घरों की स्‍टोरी बिगड़ गए। कहीं सास-ससुर पर प्रताड़ना का आरोप लगा तो कहीं पति से परेशान होकर महिलाएं शिकायत लेकर पहुंच रहीं। यमुनानगर में एक साल में करीब 344 मामले सामने आए हैं।

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डिस्ट्रिक्ट प्रोटेक्शन आफिसर एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय में घरेलू हिंसा के कई मामले सामने आए। टीम ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए महिला और ससुराल वालों को थाने में बुलाया। तब जाकर उन्होंने बहू और बेटे के घर पर नई छत डलवा कर दी। टीम की मौजूदगी में ही पीड़ित महिला के घर की छत डलवाई गई। घरों के बड़े बुजुर्गों की जिद के चलते ऐसे मामले थानों में जा रहे है।

घर में रहने का अधिकार देने वाला एकमात्र कानून

डिस्ट्रिक्ट प्रोटेक्शन आफिसर एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी अरविंद्रजीत कौर ने बताया कि घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 एक मात्र ऐसा कानून है तो महिला को घर में रहने का अधिकार देता है। जिसके तहत उनकी टीम द्वारा गत एक वर्ष में 167 पीड़ित युवतियों का घर बसाया गया है। कुछ मामलों में तो कोर्ट की सहायता भी ली गई। उनकी प्राथमिकता घरों को तोड़ने की बजाय बसाने की रहती है। इसी के चलते उनकी टीम के सहयोग से पीड़ित महिलाओं के वापस घर बसाए गए। महिलाओं को कभी भी किसी भी हालत में अपना घर नहीं छोड़ना चाहिए। साथ ही उन्हें अन्याय नहीं सहना बल्कि आवाज उठानी है। हिंसा मुक्त घर हर महिला का अधिकार है।

साझा घर पर बहू का अधिकार

बहू को आश्रित ससुराल में रहने का अधिकार है। बहू को पति या परिवार के सदस्यों द्वारा साझा घर से निकाला नहीं जा सकता है। अरविंद्रजीत कौर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार अगर ससुराल वाले अपने बेटे और बहु को बेदखल भी करते है तब भी वे उन्हें अपने घर से नहीं निकाल सकते। अगर ससुराल वालों द्वारा किराए पर घर लिया गया है या उनका हो और पति का इस पर कोई अधिकार नहीं है तब भी बहू को घर से बाहर नहीं किया जा सकता।

फोन पर दें सूचना

अगर कोई भी किसी को अपने आस-पास घरेलू हिंसा का शिकार होते देखे तो इसकी सूचना 9729990159 पर या फिर महिला हेल्पलाइन 1091 पर भी दे सकते है। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है। यमुनानगर महिला थाना में स्पेशल सेल फोर वुमेन एंड चाइल्ड में जनवरी-2020 से लेकर जनवरी-2021 तक 344 घरेलू हिंसा की शिकायतें सामने आई। 344 में से 167 पीड़ित महिलाओं के घर टूटने से बचाए गए। इसके अतिरिक्त 177 मामलों में स्थिति गंभीर मिली। यह मामले अभी कोर्ट के संज्ञान में है। जिले में हर दिन घरेलू हिंसा का एक नया मामला महिला थाने तक पहुंच रहा हैै। यह स्थिति अति गंभीर है।

ये हैं घरेलू हिंसा के प्रकार

शारीरिक शोषण- जैसे मार-पीट करना, थप्पड़ मारना, दांत काटना, ठोकर मारना, लात मारना इत्यादि।

लैंगिक शोषण- जैसे दुष्कर्म अथवा बलपूर्वक बनाए गए शारीरिक संबंध, अश्लील साहित्य या सामग्री देखने के लिए मजबूर करना, अपमानित करने के दृष्टिकोण से किया गया लैंगिक व्यवहार और बालकों के साथ लैंगिक दुर्व्यवहार।

मौखिक और भावनात्मक शोषण- जैसे अपमानित करना, गालियां देना, चरित्र और आचरण पर आरोप लगाना, लड़का न होने पर प्रताड़ित करना, दहेज के नाम पर प्रताड़ित करना, नौकरी न करने या छोड़ने के लिए मजबूर करना, आपको अपने मन से विवाह न करने देना या किसी व्यक्ति विशेष से विवाह के लिए मजबूर करना, आत्महत्या की धमकी देना इत्यादि।

आर्थिक शोषण- जैसे आपको या आपके बच्चे को अपनी देखभाल के लिए धन और संसाधन न देना, आपको अपना रोजगार न करने देना या उसमें रूकावट डालना, आपकी आय, वेतन इत्यादि आपसे ले लेना, घर से बाहर निकाल देना इत्यादि भी घरेलू हिंसा है।

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