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राजस्व इकट्ठा करने के नाम पर प्रताड़ित न करें : विजय

जीएसटी अधिकारी राजस्व इकट्ठा करने के नाम पर व्यापारियों को प्रताड़ित न करें।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 08:01 AM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 08:01 AM (IST)
राजस्व इकट्ठा करने के नाम पर प्रताड़ित न करें : विजय
राजस्व इकट्ठा करने के नाम पर प्रताड़ित न करें : विजय

जागरण संवाददाता, पानीपत :

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जीएसटी अधिकारी राजस्व इकट्ठा करने के नाम पर व्यापारियों को प्रताड़ित न करें। निर्यातकों की जांच होने के बाद भी रिफंड नहीं दिए जा रहे। बिल बनाने में गलती होने पर व्यापारियों पर जुर्माना लगा दिया जाता है। इस प्रवृत्ति को अधिकारियों को छोड़ना चाहिए। गलती होने पर रिवाइज रिटर्न भरने का प्रावधान जीएसटी में होना चाहिए। यह मामला व्यापारियों ने जीएसटी अधिकारियों के साथ हुई बैठक में उठाया। बैठक हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड के प्रदेश चेयरमैन शिवकुमार जैन की अध्यक्षता में होटल गोल्ड में हुई। सोनीपत और पानीपत जिले के जीएसटी अधिकारी, सीए और एडवोकेट सहित व्यापारियों ने भाग लिया। निर्यातकों के रिफंड अटके : एक्सपोर्ट एसोसिएशन

पानीपत एक्सपोर्ट एसोसिएशन के सुरेश तायल ने कहा कि 80 निर्यातकों का रिफंड अटका है। कस्टम विभाग ने अलर्ट जारी किया था। कंटेनरों की जांच भी की जा चुकी है। ढाई माह बीतने के बाद भी निर्यातकों का रिफंड नहीं मिल रहे हैं। निर्यातकों के दो-दो करोड़ फंसे हैं। इसके लिए केंद्रीय जीएसटी के अधिकारियों के साथ भी इस तरह की बैठक होनी चाहिए। स्थानीय स्तर पर ई-वे बिल बंद हो : उद्यमी

उद्यमियों ने कहा कि यहां टेक्सटाइल का अधिक कारोबार है। एक उद्योग से दूसरे उद्योग में जॉब वर्क पर माल जाता है। बार-बार ई-वे बिल बनाना पड़ता है। स्थानीय स्तर पर ई-वे बिल बंद किया जाना चाहिए। मैन्युअल सी-फार्म संबंधी निर्देश रद हों

आठ जनवरी 2018 आयुक्त ने पत्र लिखकर कहा था कि मैन्युअल सी फार्म को न माना जाए। उसकी वेरिफिकेशन होने तक डिमांड निकाल दी जाए। छह माह का समय दिया जाए। रिकवरी वेरिफिकेशन होने के बाद की जाए। यह निर्देश रद होना चाहिए। सरकार व्यापारियों को बीमा का जो लाभ दे रही है। वह उन व्यापारियों को भी दिया जाए जो रजिस्टर्ड डीलर नहीं है। अधिकारियों का तीन साल में हो तबादला: व्यापार मंडल

हरियाणा व्यापार मंडल के चेयरमैन रोशन लाल गुप्ता ने कहा कि अधिकारियों का तीन साल में तबादला होना चाहिए। केंद्र ने जैसे भ्रष्टाचारी अधिकारियों को जबरन रिटायर किया है। वैसा ही यहां होना चाहिए। डीम्ड असेसमेंट को समुचित लागू किया जाए। जीएसटी फर्जीवाड़े में शामिल दोषी व्यापारी के साथ-साथ दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। चार-चार माह से जीएसटीएन रद नहीं होते, जो सात दिन में होने चाहिए। रिवाइज रिटर्न देने का अधिकार दिया जाए। जीएसटी रिफंड सीधे व्यापारियों के बैंक खाते में जाए। हर जिले में इस तर्ज पर आमने सामने की बैठक होनी चाहिए।

ऐसी बैठक हर जिले में हो। व्यापारियों की समस्याओं को अधिकारियों के साथ बैठकर हल कराना उद्देश्य है। सरकार ने व्यापारियों को दुर्घटना बीमा की सुविधा उपलब्ध कराई है। अब हादसा होने और आग से नुकसान पर व्यापारियों की मदद की जाएगी।

शिवकुमार जैन, चेयरमैन, हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड इस बैठक में जो मुद्दे जीएसटी काउंसिल से संबंधित मुद्दे काउंसिल में उठाया जाएगा, जो प्रदेश स्तर के हैं उन पर उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाकर हल किया जाएगा। जीएसटी फर्जीवाड़े में शामिल व्यापारियों के साथ-साथ अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कराएं हैं। अधिकारी सस्पेंड भी किए हैं केंद्रीय आइजीएसटी से भी रिफंड के संदर्भ में बात की जाएगी।

विजय कुमार, अतिरिक्त आयुक्त, आबकारी कराधान विभाग चंडीगढ़ बैठक में मौजूद रहे

पानीपत सोनीपत के जीएसटी स्टेट अधिकारी उपआबकारी कराधान आयुक्त राजाराम नैन, सोनीपत उपकराधान आयुक्त अनिल कादियान सहित एसके जैन एडवोकेट सोनीपत, वीरेंद्र बार एसोसिएशन (टैक्स), एसके रोजा, सीए शशी चड्ढा, चैंबर ऑफ कॉमर्स के विनोद खंडेलवाल, सुरेश गुप्ता, रमेश वधवा सीए संजय सिगला, रमेश वधवा सोनीपत, ललित गोयल निर्यातक, कारपेट एसोसिएशन प्रधान अनिल मित्तल, राकेश चुघ, सुरेश तायल और जगदीश जैन शामिल रहे।


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