भविष्य के सपनों को लेकर पानीपत के दो गांवों में रार, गोशाला निर्माण की जमीन पर ठनी
गोशाला निर्माण को लेकर गढ़ी केवल और जौरासी गांव के बीच ठन गई है। गढ़ी केवल ने पुलिस से एक माह तक नए निर्माण पर रोक लगाने की मांग की। आरोप है कि पंचायत ने बिना सहमति के निर्माण कार्य करवाना शुरू कर दिया।
पानीपत, जेएनएन। जौरासी सर्व खास और केवल गढ़ी की एक पंचायत है, जबकि गांव अलग-अलग है। गो चरांद जमीन पर गोशाला निर्माण का केवल गढ़ी के लोग विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि बगैर सहमति के जौरासी पंचायत ने गोशाला का निर्माण शुरू कर दिया। शुक्रवार सुबह मजदूरों के गेट बनाने जाने पर उन्हें मामले का पता चला तो उन्होंने गेट निर्माण की कवायद बंद करवा दी। पुलिस से आपसी सहमति बनने तक नया निर्माण नहीं होने देने की प्रार्थना की।
केवल गढ़ी के जसवंत सिंह, जोगिन्द्र, सतपाल, आजाद, राम सिंह, रामचंद्र, जगबीर सिंह आदि कहते हैं कि बगैर सहमति के जौरासी पंचायत ने गोशाला का निर्माण शुरू कर दिया। उक्त पंचायती जमीन उनके गांव के करीब है। वहां गो चरांद की 50-55 एकड़ जमीन है, जिसमें साफ और गंदे पानी के दो तालाब, चार एकड़ में स्टेडियम है। एक तालाब में उनके गांव का गंदा पानी जमा होता है। दूसरे साफ तालाब में उनके पशु पानी पीते और नहाते हैं। जौरासी की ओर से खाली जमीन पर गोशाला बनाने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है, लेकिन ग्रामीणों की आपसी सहमति जरूरी है। उन्होंने कहा कि 12 एकड़ में गोशाला बनाने का प्रस्ताव है, जो जौरासी की ओर खाली जमीन पर भी बनाई जा सकती है। चुपके से प्रस्ताव पास कर काम शुरू करने से विवाद खड़ा हुआ और पुलिस बुलानी पड़ी है। जौरासी की सरपंच पति को फोन किया गया तो उसने कॉल अटेंड नहीं किया।
भविष्य को लेकर चिंता
ग्रामीणों कहते हैं कि आज नहीं तो कल दोनों गांव की पंचायत अलग होगी। केवल गढ़ी के सामने समस्या हो जाएगी। उनके पास पंचायती संपत्ति कुछ नहीं बचेगी। गंदे पानी की निकासी, पशुओं को नहाने और बच्चों को खेलने में परेशानी होगी। पंचायत चाहकर भी जमीन के अभाव में कुछ नहीं कर सकेगा। वे भी दशकों पहले जौरासी से केव