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जींद में ग्रामीणों ने प्रशासनिक अमले पर किया पथराव, नायब तहसीलदार व एसडीओ जख्मी

हरियाणा के जींद में पानी निकासी के लिए साइफन खोलने पहुंचे प्रशासनिक अमले पर पथराव कर दिया गया। इसमें नायब तहसीलदार व एसडीओ जख्मी हो गए। साइफन खोलने का विरोध कर रहे किसान ने पेड़ पर चढ़कर फंदा लगा लिया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 08:54 AM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 08:54 AM (IST)
जींद में ग्रामीणों ने प्रशासनिक अमले पर किया पथराव, नायब तहसीलदार व एसडीओ जख्मी
गांव बराड़ खेड़ा में विवाद के बाद पेड़ पर चढ़ा ग्रामीण।

जींद, जागरण संवाददाता। जींद के गांव बराड़ खेड़ा के खेतों से बरसाती पानी की निकासी के लिए बुआना के खेतों में लगा साइफन खोलने गए प्रशासनिक अमले का ग्रामीणों से टकराव हो गया। प्रशासनिक अमला साइफन को खोलने लगा तो किसान जयभगवान पेड़ पर चढ़ गया और पायजामे का फंदा लगा लिया। जुलाना थाना प्रभारी समरजीत सिंह व ग्रामीणों ने पेड़ पर चढ़कर किसान को उतारा और उसे अस्पताल में दाखिल कराया। जहां पर उसकी हालात खतरे से बाहर है। वहीं किसान के फांसी लगाते देख गांव बुआना के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और ग्रामीणों ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार प्रदीप, सिंचाई विभाग के सब डिविजन आफिसर (एसडीओ) जितेंद्र पर लाठियों से हमला कर दिया। पुलिस ने बीच-बचाव किया तो आक्रोशित ग्रामीणों ने उन पर भी पथराव कर दिया। इसमें जुलाना थाना प्रभारी समरजीत व दूसरे पुलिसकर्मियों को चोटें आई।

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घटना के बाद बुआना के ग्रामीणों ने किनाना गांव में जींद-रोहतक मार्ग पर जाम लगा दिया और कहा कि वह किसी भी हालत में बुआना गांव की ओर पानी की निकासी नहीं होने देंगे।

दोनों गांवों के बीच माइनर के नीचे बने साइफन से होती है पानी की निकासी

बराड़ खेड़ा और बुआना गांव में पिछले दिनों हुई बारिश के बाद से खेतों में पानी भरा है। इससे कई किसानों की धान की फसल खराब हो गई। ग्रामीण बार-बार प्रशासन से पानी निकाले की गुहार लगा रहे हैं। बराड़ खेड़ा गांव में करीब 400 एकड़ फसल में पानी भरा है। बराड़ खेड़ा गांव के पानी की निकासी बराड़ खेड़ा व बुआना के बीच माइनर के नीचे बनी साइफन से होती है। बराड़ खेड़ा व बुआना के बीच पानी की निकासी को लेकर कई बार पंचायत हो चुकी है, मगर समस्या का समाधान नहीं हो सका। बराड़ खेड़ा के ग्रामीणों ने प्रशासन से पानी की निकासी के लिए साइफन खुलवाने की मांग की। नायब तहसीलदार दीपक को ड्यूटी मजिस्टेट बनाकर प्रशासनिक अमला पुलिस बल के साथ बराड़ खेड़ा और बुआना के बीच पहुंचा और साइफन खुलवाने लगा। ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और प्रशासनिक अमले पर हमला कर दिया।

धान बर्बाद, साइफन खुली तो गेहूं की बिजाई भी नहीं कर पाएंगे

फांसी लगाने वाले किसान जयभगवान के बेटे अमित ने बताया कि उन्होंने गांव बुआना की पंचायत की 40 एकड़ जमीन करीब 18 लाख रुपये में ठेके पर ली है। उनके खेतों में पहले ही कई-कई फुट पानी भरा है। इसके चलते उनकी धान की फसल बर्बाद हो चुकी है। अगर पंचायती जमीन पर लगी साइफन को खोल दिया तो उनकी गेहूं की फसल की बिजाई भी नहीं हो सकती। जब प्रशासनिक अमला नहीं माना तो उसके पिता ने फांसी लगाने का प्रयास किया है।


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