बहाली की मांग को लेकर परिवार सहित करनाल में एकजुट हुए बर्खास्त पीटीआई
करीब तीन महीने पहले करीब 1938 पीटीआई को कोर्ट के आदेश पर सेवाओं से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद से ही पीटीआई धरनारत हैं। हर जिले में प्रदर्शन हो रहे हैं।
करनाल, जेएनएन। हरियाणा प्रदेश के बर्खास्त पीटीआई ने सरकार के रवैये के विरोध में कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया। सुबह 10 बजे से ही पुरानी अनाज मंडी में अलग-अलग जिलों से कर्मचारियों ने आना शुरू कर दिया था और 12 बजे तक लगभग पंडाल पूरी तरह से भर गया। सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस बल तैनात किया गया और मुख्य मार्गों पर बैरिकेट लगा दिए गए। सर्व कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान सुभाष लांबा ने बताया कि 90 दिन से लघु सचिवालय के बाहर क्रमिक अनशन पर बैठे पीटीआई बहाली की मांग कर रहे हैं।
सरकार के अड़ियल रवैये के कारण किसानों की आवाज दबाने का प्रयास किया गया और अब शिक्षकों को परिवार सहित भूखा मरने के लिए छोड़ दिया है। आज प्रदेश के पीटीआई परिवार सहित पहुंचे हैं और रोष प्रदर्शन कर सीएम आवास की तरफ कूच किया जाएगा। हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान संदीप बलड़ी ने कहा कि राज्य स्तरीय प्रदर्शन में सरकार को नौकरी बहाल करने के लिए मजबूर कर दिया जाएगा।
इस मौके पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य उपप्रधान जगतार सिंह, हरियाणा गर्वनमेंट पीडब्लयूडी मैकेनिकल वर्कर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण चंद शर्मा, सर्व कर्मचारी महासचिव सतीश सेठी, उपप्रधान सविता मलिक, इंद्र सिंह बधाना, शारदा देवी, राजेश, सुरेश, बलवान सिंह, गुलाब सिंह, रणबीर आर्य, तामिल गुर्जर, संजीव कुमार, अमित तंवर, बिजनेश राणा, वीना, कुलदीप, परमजीत, नीलम, सुदेश, रानी, सुशील, राज कुमार, भुवन, कुलदीप राणा मौजूद रहे।
बता दें कि हाल में ही 1938 पीटीआई को कोर्ट के आदेश पर सेवाओं से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद से ही पीटीआई टीचर धरनारत हैं। सरकार ने पीटीआई के लिए एक परीक्षा भी आयोजित करवाई, जिसे पास करने पर नौकरी देने की बातें भी सामने आई। मगर बहुत से पीटीआई ने ये परीक्षा ही नहीं दी। पीटीआई इस मांग पर अड़े हैं कि उन्हें बिना किसी परीक्षा के नियुक्ति दी जाए।