प्रापर्टी आइडी के नाम पर घोटालों की चर्चा, पानीपत नगर निगम कार्यालय में लोगों की लाइनें टूट नहीं रहीं
पानीपत नगर निगम में प्रापर्टी टैक्स रिकवरी पर तो जोर दिया जा रहा है लेकिन बहुत से लोगों के पास प्रापर्टी आइडी ही नहीं है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम पानीपत में प्रापर्टी टैक्स रिकवरी पर तो जोर दिया जा रहा है, लेकिन बहुत से लोगों के पास प्रापर्टी आइडी ही नहीं है। ऐसे में आनलाइन बिल कैसे देखें। निगम ने 20 हजार आइडी आनलाइन की है। इनमें उन लोगों को शामिल किया गया है कि जिनका बिल एक हजार से कम का है। प्रापर्टी आइडी बनवाने के लिए भी लोग निगम के चक्कर काटने पर मजबूर हैं। वहीं, प्रापर्टी आइडी के नाम पर घोटाले की चर्चा थम नहीं रही। एक शोरूम से लेकर पत्थर का कारोबार करने वालों ने सवाल उठा दिए हैं।
बाहरी कालोनियों जिनको अधिकृत कर दिया गया है, वहां रहने वाले लोगों के पास आइडी नहीं है। वे नगर निगम में आइडी बनवाने आते हैं तो उनके पास रजिस्ट्री नहीं होती। पेमेंट एग्रीमेंट के आधार पर उन्होंने मकान बनाए हुए हैं। निगम उन लोगों को नोटिस भेज रहा जिनके पास रजिस्ट्री है।
2010 से 2021 तक नोटिस
नगर निगम ने 2010 से 2021 तक के नोटिस जारी किए थे। इस दौरान लोगों को निगम ने बिल नहीं दिए। अब उन्होंने बकाया के बिल थमाए जा रहे हैं। जिन लोगों का हाउस टैक्स 100-200 रुपये आता था उनका बकाया 20-30 हजार तक दिखाया जा रहा है। वे बिल ठीक करवाने के लिए कहते हैं तो नगर निगम रसीद मांगता है। उद्योगों दुकानों की तो हाउस टैक्स की रसीद मिल जाती है, घरों की रसीद नहीं मिलती। ऐसे में बिल ठीक करवाने के लिए दलाल ही एकमात्र सहारा बन रहा है। दलाल बिल ठीक करवा देते हैं। लाखों का बिल भी हजारों में रह जाता है।
हर पांच साल में सर्वे होना चाहिए
हर पांच साल में सर्वे होना चाहिए। निगम ने पांच साल में सर्वे नहीं करवाया। जो सर्वे हुआ वह ठीक नहीं हुआ। उस समय किसी से आपत्ति तक नहीं मांगी। बजट प्रस्ताव में 136 करोड़ रुपये प्रापर्टी टैक्स का बकाया दिखाया गया। जबकि साल के 10 महीने में 17 करोड़ ही रिकवरी हो पाई।
वार्ड 11 कैंप में दो लाख की रिकवरी
मेयर अवनीत कौर ने बताया कि वार्ड 11 के स्कूल में कैंप लगाया गया। इसमें दो लाख की रिकवरी हुई। औद्योगिक सेक्टरों में अधिक रिकवरी होती है। कैंप में लोगों ने अपने बिल भी ठीक करवाए।