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हरियाणा में मेयर के पास पावर नहीं, आरटीआइ में सामने आई ये वजह

मेयर अवनीत कौर के लिए नगर निगम की राह आसान नहीं है। मेयर को बल्ब खरीदने तक की पॉवर नहीं। अगर सौ दिन में सफाई नहीं हुई तो उन्हें कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Mon, 24 Dec 2018 05:34 PM (IST)Updated: Tue, 25 Dec 2018 12:34 PM (IST)
हरियाणा में मेयर के पास पावर नहीं, आरटीआइ में सामने आई ये वजह
हरियाणा में मेयर के पास पावर नहीं, आरटीआइ में सामने आई ये वजह

पानीपत, जेएनएन। नवनिर्वाचित मेयर के सामने कूड़ा मुक्त पानीपत बनाने के लिए कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती पावर की होगी। नगर निगम में अब तक मेयर को एक बल्ब खरीदने तक की पावर नहीं है। ये सब कमिश्नर के हाथ में होता है। यानी नगर निगम में कमिश्नर ही हीरो है। मेयर पावर के मामले में जीरो है। 

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नगर निगम चुनाव में शहर की जनता ने अपनी सरकार चुन ली है। मेयर भाजपा की अवनीत कौर बनी हैं। वे प्रदेश में सबसे अधिक अंतर लेकर मेयर बनी हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी उनको इस जीत पर बधाई दी है। अब उनके सामने बड़ी चुनौती पावर की है। 

प्रदेश में मेयर के पास नहीं पावर
समान नागरिक संहिता अभियान के संयोजक एवं आरटीआइ कार्यकर्ता नेमचंद जैन ने बताया कि प्रदेश की नगर निगमों में किसी भी मेयर को पावर नहीं है। वे वित्त मामलों में एक बल्ब तक नहीं खरीद सकते। 

कमिश्नर के पास पावर
कमिश्नर को इन सबकी पावर होती है। उन्होंने साफ कहा कि सरकार मेयर को पावर देना चाहती है, लेकिन विधायकों के दबाव में ऐसा नहीं हो पा रहा है। सरकार ने इस बार मेयर के सीधे चुनाव तो करा दिए, लेकिन जारी नोटिफिकेशन में मेयर की पावर का जिक्र तक नहीं किया। मेयर सेक्शन-42 के तहत कमिश्नर से जवाब तलब कर सकता है, लेकिन इसकी पूरी जानकारी न होने पर मेयर किसी तरह का एक्शन नहीं लेते। 

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आरटीआइ एक्टिविस्ट नेमचंद जैन।

सफाई में पॉलिथिन सबसे बड़ा रोड़ा
नेमचंद जैन ने बताया कि मेयर अवनीत कौर ने 100 दिन में शहर को कूड़ा मुक्त बनाने का दावा किया है, लेकिन यहां पोलिथिन सफाई में बड़ी चुनौती है। कूड़े में 50 प्रतिशत पोलिथिन होती है। जिससे सीवर व नाले जाम हो जाते हैं। प्रशासन पोलिथिन को रोकने में फेल है। जबकि सरकार ने पोलिथिन पर पूर्ण रूप से रोक लगा रखी है। कुछ लोग एक षडय़ंत्र के तहत इसमें आग लगा देते हैं। जिससे दमा जैसी बीमारी लोगों में बढ़ रही है। 

स्थायी लोक अदालत में दायर करेंगे केस 
नेमचंद जैन ने बताया कि गंदगी और प्रदूषण को देखते हुए एक केस स्थायी लोक अदालत में दायर किया गया है। जिसमें डीसी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन, क्षेत्रीय अधिकारी, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के कार्यकारी अभियंता को पार्टी बनाया गया है। इसमें आठ फरवरी आगामी तारीख है। मेयर अवनीत कौर 100 दिन में सफाई नहीं कर पाती हैं तो वे एक और केस स्थायी लोक अदालत में दायर करेंगे। डीसी और कमिश्नर को इसके लिए सख्त होना होगा। कमेटी बनाकर पोलिथिन बेचने वालों पर कार्रवाई करनी होगी।


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