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निदेशक के तीसरी बार निर्देश, भर्ती करें रद, नहीं करें रिन्यूअल

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) भर्ती में गड़बड़झाला के आरोप स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय अधिकारियों के गले की हड्डी बन गए हैं। निदेशक ने 16 अप्रैल को पुन पत्र भेजकर भर्ती रद करने निर्देश सिविल सर्जन को दिए हैं। 20 अंक हासिल करने वाले कर्मियों को रिन्यूअल नहीं करने के निर्देश भी दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 07:51 PM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 07:51 PM (IST)
निदेशक के तीसरी बार निर्देश, भर्ती करें रद, नहीं करें रिन्यूअल

जागरण संवाददाता, पानीपत : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) भर्ती में गड़बड़झाला के आरोप स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय अधिकारियों के गले की हड्डी बन गए हैं। निदेशक ने 16 अप्रैल को पुन: पत्र भेजकर भर्ती रद करने निर्देश सिविल सर्जन को दिए हैं। 20 अंक हासिल करने वाले कर्मियों को रिन्यूअल नहीं करने के निर्देश भी दिए हैं। बता दें कि निवर्तमान सिविल सर्जन और जिला प्रशासन ने भर्ती को सही बताकर, छह अप्रैल को रिपोर्ट भेजी थी।

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दरअसल, नवंबर 2019 में एनएचएम के तहत विभिन्न पदों पर 66 कर्मियों की भर्ती हुई थी। जनवरी-2020 में इन्हें नियुक्ति दी गई। गांव हथवाला वासी रणबीर ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सहित तमाम जगह शिकायत दी थी कि भर्ती में प्रदेश सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ था। चयनित सभी कर्मियों को स्थानीय होने का लाभ देकर 20 अंक प्रदान किए गए हैं जबकि 40 से अधिक लोग 20 अंकों के हकदार नहीं थे।

डीसी धर्मेंद्र सिंह ने तत्कालीन नगराधीश से जांच कराई थी। नगराधीश ने रिपोर्ट दी थी कि भर्ती सही प्रतीत नहीं होती है। निदेशक ने 30 दिसंबर-2020 में भर्ती को रद करने के आदेश दिए थे। चयन कमेटी में शामिल सदस्यों के नाम भी मांगे थे, ताकि कार्यवाही हो सके। निवर्तमान सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा और डीसी ने निदेशक के आदेशों को नजरअंदाज कर, दोबारा जांच शुरू कर दी। इस पर जनवरी 2021 में डा. वर्मा से स्पष्टीकरण भी मांगा गया। भर्ती रद करने का रिमाइंडर भी भेजा।

इधर, डीसी और सिविल सर्जन ने निदेशक को दूसरी जांच रिपोर्ट छह अप्रैल को भेजी। तर्क था कि एड्रैस प्रूफ के संदर्भ में विशेष दस्तावेज चिन्हित नहीं किया गया था। जिस भी दस्तावेज से रिहायश पानीपत सिद्ध हुई, उसी को आधार मानकर 20 अंक दिए गए। अंक देने में भी एकरूपता है। कर्मियों का रिन्यूअल भी कर दिया गया। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा :

शिकायतकर्ता रणबीर ने जागरण को बताया कि 66 कर्मियों की नियुक्ति पूरी तरह गलत है। पहली रिपोर्ट में डीसी और सिविल सर्जन मान चुके हैं। एनएचएम हरियाणा निदेशक के आदेशों का पालन नहीं करना, दूसरी रिपोर्ट में अजीब तर्क के साथ भर्ती को सही बताना, कर्मियों को विस्तार देना, भ्रष्टाचार पर परदा डालना है। मैं यह लड़ाई लड़ता रहूंगा।


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