रिटायरमेंट के छह माह बाद पेंशन के लिए चक्कर काट रही डिप्टी डायरेक्टर
अरविन्द झा, पानीपत : सेवानिवृत्ति के छह माह बाद भी मौलिक शिक्षा अधिकारी पेंशन पाने के लिए
अरविन्द झा, पानीपत : सेवानिवृत्ति के छह माह बाद भी मौलिक शिक्षा अधिकारी पेंशन पाने के लिए चंडीगढ़ की दौड़ लगा रही हैं। सेवाकाल के दौरान पहले निलंबन का दंश झेला। अब आरटीआइ का जवाब नहीं देने पर विभाग ने नए सिरे से उन्हें चार्जशीट थमा दी है। रिटायरमेंट से एक दिन पहले उनका निलंबन आदेश खारिज कर ज्वाइन कराया गया था। जब पेंशन देने की बारी आई तो चार्जशीट कर दिया गया। जांच पूरी होने तक पेंशन नहीं मिलेगी।
जींद के सफीदों की निवासी संतोष ग्रोवर पानीपत में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत थीं। मई 2016 में निदेशालय ने आदेश जारी कर उन्हें निलंबित कर दिया गया। निलंबन के दौरान मुख्यालय पानीपत डीईओ कार्यालय बनाया गया। सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले निलंबन आदेश रद कर उन्हें चंडीगढ़ मुख्यालय में उप निदेशक के तौर पर ज्वाइन कराया गया। 30 सितंबर, 2016 को इसी पद से सेवानिवृत हुई। सेवानिवृत्ति के छह माह होने को है लेकिन पेंशन का मामला सुलझा नहीं है। संतोष ग्रोवर ने बताया कि उन्हें गलत निलंबित किया गया। हाई कोर्ट में एक मामले में पेशी से अनुपस्थित रहने पर तत्कालीन अनुभाग अधिकारी मनीषा व डिलिंग क्लर्क संतोष का एक-एक इंक्रीमेंट रोक दिया गया था। पेंशन के बिना कैसे गुजर बसर करेंगी। अधिकारी जान बूझ कर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं।
आरटीआइ का जवाब न देने पर चार्जशीट : सतकरतार कालोनी निवासी टेल¨रग टीचर सुदेश कुमारी ने राज्य सूचना आयोग में 21 मई, 2015 को प्रथम अपील दायर कर मौलिक शिक्षा अधिकारी संतोष ग्रोवर से आरटीआइ का जवाब न देने की शिकायत की थी। आयोग ने आठ जुलाई, 2015 तक लिखित टिप्पणी मांगी। निलंबन के दौरान 11 सितंबर को आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुई। अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने सेवानिवृत्त उप निदेशक के खिलाफ गवर्नमेंट एंप्लॉई रुल्स 1966 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं।
पेंशन का ये लोचा : नियमों के मुताबिक सरकारी कर्मचारी व अधिकारी जहां से रिटायर करते हैं, वहीं पेंशन का केस जमा कराते हैं। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो पेंशन का केस उन्हें सेवानिवृत्ति से पहले मुख्यालय में ही जमा कराना था। इंक्वायरी जब तक पूरी नहीं हो जाती, ये मसला नहीं सुलझेगा।