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Lok Sabha 2019 :पैराशूट प्रत्याशी ठोंक रहे ताल, इस लोकसभा सीट में दिखने लगी सियासी चाल

लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। करनाल लोकसभा सीट के लिए इस बार भी पैराशूट प्रत्याशी ताल ठोंक रहे हैं। हालांकि इसबार इनकी राह आसान नहीं होगी।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 01:49 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 01:49 PM (IST)
Lok Sabha 2019 :पैराशूट प्रत्याशी ठोंक रहे ताल, इस लोकसभा सीट में दिखने लगी सियासी चाल
Lok Sabha 2019 :पैराशूट प्रत्याशी ठोंक रहे ताल, इस लोकसभा सीट में दिखने लगी सियासी चाल

पानीपत [अरविन्द झा]। करनाल की लोकसभा सीट पैराशूट प्रत्याशी के भरोसे रहा है। वर्ष 1971 के बाद यहां किसी स्थानीय प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया गया। जो सांसद चुने गए वो अपना राजनीतिक कद ऊंचा करने में लगे रहें। जीटी बेल्ट के इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक नहीं पहुंचाया। चुनाव से पहले किसी भी दल के लिए प्रत्याशी का चयन इस बार आसान नहीं होगा।

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जीटी रोड बेल्ट में करनाल लोकसभा सीट का काफी अहमियत है। पानीपत जिला इसी सीट के अंतर्गत आता है। पंजाब प्रांत से अलग होने के बाद 1966 में हरियाणा का गठन किया गया। 1967 में आम चुनाव कराए गए। जनसंघ की टिकट पर पहली बार सवामी रामेश्वर दयाल (उर्फ घरौंडा वाला बाबा) इस सीट से विजयी होकर लोकसभा में पहुंचे। संसद में शुद्धि हवन करने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनके खिलाफ नाराजगी भी जताई। 1971 में डॉ. माधोराम अंतिम धरतीपुत्र के रूप में इस सीट से जीते। उसके बाद बाहरी प्रत्याशियों ने कब्जा जमाए रखा। वर्तमान में भाजपा के सांसद अश्वनी चोपड़ा मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। 

विधानसभा के नौ क्षेत्र 
लोकसभा की इस सीट के अंतर्गत पानीपत शहरी, पानीपत ग्रामीण, समालखा, इसराना (सुरक्षित), घरौंडा, करनाल, इंद्री, नीलोखेड़ी सुरक्षित और असंध विधानसभा क्षेत्र आते हैं।

सजने लगे प्रत्याशियों के होर्डिंग्स 
टिकट के लिए पैराशूट प्रत्याशी इस बार भी पूरी तरह से जोर अजमाइश करने में जुटे हैं। जीटी रोड से लेकर प्रमुख चौराहों पर तस्वीर सहित शुभकामना संदेश का बैनर सजा रहे हैं। टिकट तो पार्टी तय करेगी। फिलहाल तो दावा कर रहे हैं। 

सांसद बने पानीपत का 
मॉडल टाउन निवासी सीनियर सिटीजन अशोक नारंग का कहना है कि करनाल लोकसभा सीट पर बाहरी प्रत्याशी स्वीकार्य नहीं है। अपने हलके के सांसद होने से विकास सहीं ढंग से होता है। सांसद अपने ग्रांट का उपयोग जनता से सलाह कर उसकी इच्छा के अनुरूप करता है। पैराशूट सांसद से मुलाकात करना ही कठिन होता है। अपनी माटी का दर्द अपना ही समझ सकता है। सर्वसुलभ उपलब्ध हो जाता है। सुख दुख में साथ रहता है। लोकसभा चुनाव 2019 में सांसद पद का उम्मीदवार पानीपत से होना चाहिए।


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