Dengue Alert: यमुनानगर में डेंगू जांच किट खत्म, सरकारी अस्पताल से मरीजों को भेजा जा रहा वापस, दावे फेल
यमुनानगर सिविल अस्पताल में डेंगू की जांच के लिए अलग से लैब बनाई गई है। यहां पर बुधवार को बैंक कालोनी निवासी प्रियांश का सैंपल दिया गया था। जिस पर लैब में मौजूद कर्मी ने एनएस वन किट न होने की बात कही।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर में डेंगू का प्रकोप कम नहीं हो रहा है। रोजाना मरीज मिल रहे हैं। बुधवार को भी दो नए मरीज मिले हैं। सरकारी रिकार्ड में अब तक 224 मरीज मिल चुके हैं। निजी अस्पतालों में इससे कही अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। अधिकतर मरीज भी प्राइवेट लैब से जांच करा रहे हैं, क्योंकि सरकारी अस्पताल की लैब में किट खत्म हो चुकी हैं। यहां पर सैंपल देने के लिए आने वाले मरीजों को कर्मचारी किट न होने की बात कहकर वापस भेज देते हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि किटों की कोई कमी नहीं है। जिला मलेरिया अधिकारी डा. वागीश गुटैन का कहना है कि रात को भी उनके पास किटें आई थी। जिन्हें सैंपलिंग के लिए दे दिया गया था।
बुधवार को आजादनगर व संतपुरा कालोनी में डेंगू के मरीज मिले हैं। यहां पर स्वास्थ्य विभाग सर्वे कराने का दावा कर रहा है। अभी तक चार लाख 87 हजार 732 घरों का सर्वे किया गया है। इनमें से छह हजार 320 घरों में डेंगू का लारवा मिला है। इन्हें विभाग की ओर से नोटिस भी दिए गए। अधिकतर घरों में कूलरों, गमलों व फ्रिज में जमा पानी में लारवा मिला है।
किट न होने की बात कह भेज रहे वापस
सिविल अस्पताल में डेंगू की जांच के लिए अलग से लैब बनाई गई है। यहां पर बुधवार को बैंक कालोनी निवासी प्रियांश का सैंपल दिया गया था। जिस पर लैब में मौजूद कर्मी ने एनएस वन किट न होने की बात कही। सैंपल रख लिया, लेकिन किट आने के बाद ही सैंपल की रिपोर्ट मिलने की बात कही। इसमें भी तीन से चचार दिन लग जाएंगे। इसी तरह से एक अन्य मरीज सुनील कुमार भी डेंगू की जांच कराने आया था। उसे भी वापस भेज दिया गया। उसका सैंपल तक नहीं लिया गया। जिस वजह से मरीजों को प्राइवेट लैब से जांच करानी पड़ रही है।
डेंगू की चपेट में आई महिला की मौत
संवाद सहयोगी, साढौरा। मोहल्ला खारी कुंई निवासी डेंगू संक्रमित 38 वर्षीया संगीता की पीजीआइ चंडीगढ़ में उपचार के दौरान बुधवार सुबह को मौत हो गई है। मृतका के पति फूल व्यापारी प्रदीप सैनी ने बताया कि 20 दिन से वह बुखार से पीड़ित थी। इस दौरान जांच कराई, तो उसे डेंगू की पुष्टि हुई थी। इसके बाद उसे उपचार के लिए अंबाला के नारायणगढ़ के सरकारी अस्पताल में लेकर गए थे। वहां पर दो दिनों तक उपचार चला, लेकिन हालात में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद अंबाला कैंट के सिविल अस्पताल लेकर गए। जहां से संगीता को पीजीआइ रेफर कर दिया गया था।
पीजीआइ में उपचार से संगीता डेंगू से रिकवर हो गई थी, लेकिन डेंगू के कारण उसकी किड़नी और फेफड़ों में इंफेक्शन हो गया था। जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। सीएचसी के एसएमओ डा. अमरीश मंगला ने बताया कि संगीता की रिपोर्ट मिलने के बाद ही उसकी मौत के कारण का पता चलेगा। स्वास्थय कर्मचारी डोर टू डोर जाकर लोगों को डेंगू से बचाव के लिए प्रेरित कर रहे हैं।