निगम कार्यालय पर रोष प्रदर्शन कर भ्रष्टाचार की जांच की मांग
नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार के विरोध में पानीपत ग्रामीण विकास मोर्चा के नेतृत्व में धार्मिक सामाजिक संगठनों ने रोष प्रदर्शन किया। एक सप्ताह में निगम में फैले भ्रष्टाचार की मांग की।
जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार के विरोध में पानीपत ग्रामीण विकास मोर्चा के नेतृत्व में धार्मिक सामाजिक संगठनों ने रोष प्रदर्शन किया। एक सप्ताह में निगम में फैले भ्रष्टाचार की जांच की मांग की। जांच न होने पर मेयर सहित आयुक्त का पुतला फूंकने की चेतावनी दी गई।
धरना रोष प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे मोर्चा अध्यक्ष सतपाल राणा ने कहा कि निगम में 11 प्रकार के घोटाले हुए हैं। वर्ष 2019 में स्ट्रीट लाइट घोटाले की पार्षद कमेटी ने जांच की, लेकिन दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। निगम भ्रष्टाचार का हॉट स्पॉट बन चुका है। पूर्व मेयर भूपेंद्र सिंह निगम में आते हैं मेयर के साथ बैठकर शहर की सरकार चलाते हैं। निगम के चुनाव के बाद कईं आंदोलन किए। उसके बाद अधिकारियों, ठेकेदारों, सफाई कंपनियों को डरा धमका कर सेटिग का काम किया।
सतपाल राणा ने ज्ञापन अधीक्षण अभियंता को सौंपा
नगर निगम में भ्रष्टाचार की जांच करवाने के लिए सतपाल राणा ने एक ज्ञापन अधीक्षण अभियंता महीपाल को सौंपा। उन्होंने कहा कि ज्ञापन सीएम के नाम सौंपना था। भ्रष्टाचार में आयुक्त भी शामिल है। इसीलिए एसई को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच हाई कोर्ट के जज से करवाने की मांग की गई। तब तक आयुक्त को पद से हटाया जाए। ताकि जांच प्रभावित न हो।
रोष प्रदर्शन करने वालों में कश्यप सभा के प्रधान लक्ष्मीचंद, रविद्र, हरबेल सिंह, जसबीर राणा, कुलदीप राणा, धीरज सिंह, दीपक राठौर, बलविद्र जोगी, नफे सिंह, प्रवीण कुमार, सतीश मौजूद रहे।
धरने में ये गिनवाए घोटाले : 142 करोड़ रुपये का टेंडर घोटाला, स्ट्रीट लाइट घोटाला, जिओ टावर, पार्कों के सौंदर्य करण में घोटाला, इंटरलॉकिग घोटाला, विज्ञापन साइट घोटाला, पौधों को पानी देने के नाम पर, कोरोना महामारी में सैनिटाइज के नाम पर, रिश्वत मांगने, प्रधानमंत्री आवासीय योजना में घोटाला शामिल है।
वर्जन
बिना सिर पैर के आरोप :भूपेंद्र
नगर निगम के पूर्व मेयर भूपेंद्र ने कहा कि सतपाल राणा ने बिना सिर पैर के आरोप लगाए हैं। जो भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाए हैं, उनका कोई सबूत दें। राणा अपने लड़के की नौकरी लगवाने के लिए सिफारिश कर रहे थे। वह नहीं लगी। इसीलिए झूठे आरोप लगा रहे हैं।