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Railway: 64 स्टेशनों को विकसित करने की जिम्मेदारी में लेटलतीफी, रेलवे मंत्रालय हुआ नाराज, आइआरएसडीसी भंग

64 रेलवे स्‍टेशनों को विकसित करने की योजना थी। देश भर के रेलवे स्टेशनों को विकसित कर प्राइवेट कंपनियों के माध्यम से सुविधाओं का करना था इजाफा। चंडीगढ़ के बाद अंबाला स्टेशन भी आइआरएसडीसी के हवाले करने की थी तैयारी मंत्रालय हुआ नाराज।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 11:52 AM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 11:54 AM (IST)
Railway: 64 स्टेशनों को विकसित करने की जिम्मेदारी में लेटलतीफी, रेलवे मंत्रालय हुआ नाराज, आइआरएसडीसी भंग
रेलवे स्‍टेशनों को विकसित करने की योजना।

अंबाला, [दीपक बहल]। देश भर के ए कैटेगिरी के 64 रेलवे स्टेशनों को विकसित करने के लिए इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन (आइआरएसडीसी) को जिम्मेदारी दी थी, लेकिन लेटलतीफी के चलते रेल मंत्रालय नाखुश था। तीन-चार स्टेशनों को विकसित करने के लिए आइआरएसडीसी ने काम भी शुरू कर दिया था, लेकिन परिणाम नहीं मिल पा रहे थे। साल 2018 में चंडीगढ़ स्टेशन की जिम्मेदारी दी थी ताकि यहां स्टेशन पर प्राइवेट कंपनियां अपना माल सहित अन्य सुविधाएं दे सकें। इससे रेलवे की आमदनी बढऩी थी और यात्रियों की सुविधाओं में इजाफा होना था। चंडीगढ़ के बाद अंबाला कैंट स्टेशन को भी आइआरएसडीसी के हवाले करने की तैयारी चल रही थी, लेकिन रेल मंत्रालय ने मंगलवार को लिखित आदेश जारी कर इसे भंग कर दिया है।

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बता दें कि आइआरएसडीसी मार्च 2012 में इसका गठन किया गया था। मौजूदा समय चंडीगढ़ स्टेशन को विकसित करने के लिए जिम्मेदारी सौंप रखी थी, लेकिन संतोषजनक काम नहीं हो पाया। देश भर में 64 स्टेशनों पर विभिन्न चरणों में काम किया जाना था। अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन को भी आइआरएसडीसी द्वारा एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने की योजना थी। इसको लेकर विदेश से प्रतिनिधिमंडल ने दौरा कर अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन की स्थिति को देखा था। दावा था कि एयरपोर्ट की तर्ज पर रेलवे स्टेशन डेवलेप होने के बाद यात्रियों को और अधिक सुविधाएं मिलती। लेकिन आइआरएसडीसी को भंग करने के बाद यह प्रोजेक्ट अब लटक गया है।

जोन के हवाले करने होंगे स्टेशन

चंडीगढ़ की तरह कई स्टेशनों को विकसित करने के लिए आइआरएसडीसी काम कर रही है। रेल मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि जिन स्टेशनों को विकसित करने की जिम्मेदारी आइआरएसडीसी को दी थी वे इसे जोन को सौंप दें ताकि मंडल के अधीन यह स्टेशन आ जाएं। जिन स्टेशनों को विकसित करने की जिम्मेदारी आइआरएसडीसी को दी थी, उन स्टेशनों पर इसी कंपनी ने टेंडर आमंत्रित करने थे।

रेल मंत्रालय हुआ सख्त

रेल मंत्रालय अब ऐसे कारपोरेशन की भी जवाबदेही तय करने में जुट गया है, जिसमें रेलवे अधिकारी ही डेपुटेशन पर जाते हैं। आइआरएसडीसी से पहले सात सितंबर 2021 को इंडियन रेलवे आर्गेनाइजेशन फार अलटनेटिव फ्यूल (आइआरओएएफ) को बंद करने का फैसला लिया। अब रेल मंत्रालय नए कारपोरेशन का गठन करेगा या फिर मंडल या जोन के स्तर पर ही स्टेशनों को विकसित किया जाएगा, इसका बाद में पता चलेगा।


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