सफल महिलाओं की कहानी सुन सफलता की सीढिय़ां चढ़ रही बेटियां Panipat News
शिक्षा विभाग की ओर से सब पढ़ आगे बढ़े अभियान के तहत निर्णय लिया गया कि किस तरह संघर्ष कर आज सफल हुईं महिलाएं छात्राओं से अनुभव सांझा करेंगी।
पानीपत/यमुनानगर, [नितिन शर्मा]। सफल महिलाओं की कहानी सुनकर बेटियां सफलता की सीढिय़ां चढ़ रही हैं। शिक्षा विभाग की ओर से चयनित महिलाएं स्कूलों में जाकर छात्राओं के समक्ष लेक्चर दे रही हैं। उनको बताती हैं कि किस तरह से उन्होंने संघर्ष किया। आज सफल जीवन व्यतीत कर रही हैं। विभाग की ओर से सर्व शिक्षा अभियान में सब पढ़ें, आगे बढ़ें शुरू हुआ है। शिक्षामंत्री कंवरपाल का कहना है कि इस कदम से बेटियों को आगे बढऩे में मदद मिलेगी। प्रदेश भर में इस योजना को शुरू किया गया है। बेटी पढ़े आगे बढ़े इसी दिशा में काम किया जा रहा है।
कैसे कठिनाईयों का करना है सामना
विभाग की ओर से चयनित ये सफल महिलाएं बताएंगी कि उन्होंने किस तरह जीवन में संघर्ष किया है। इनको रोल मॉडल मन की बात अभियान का नाम भी दिया गया है। रोल मॉडल अलका गर्ग 20 से ज्यादा स्कूलों में जा चुकी हैं। वह जाकर खुद के बारे में छात्राओं को बताती है कि उन्होंने किस तरह जीवन में पढ़ाई की और एमए की परीक्षा उत्तीर्ण कर आज सफल गृहणी हैं।
फर्श से अर्श तक पहुंची
अलका लेक्चर के दौरान बताती हैं कि वह भी कभी उनकी तरह फर्श पर बैठकर पढ़ाई करती थीं। उनके पास भी क्लास में बहुत से लोग ऐसे आते थे जो अपनी कहानी बताते थे। उसको सुनकर वह हमेशा प्रेरित रहीं। जब 10वीं कक्षा में आई तो उनको बताया कि लड़के बोर्ड की परीक्षा पास नहीं कर पाते वे कहां से कर लेंगी। उन्होंने इस सोच को बदला। पढ़ाई की, पहले प्रयास में परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की। वे एमए पास हैं। जीवन में शिक्षा का महत्व हमेश रहेगा। वह भी उनकी तरह सोच बदले। खुद को कमजोर न माने। दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़े।
इस तरह पाई सफलता
इसी तरह रोल मॉडल डॉ. मानसी का चयन भी इसके लिए किया गया। वे स्कूलों में जाकर अपने बारे में बताती हैं कि पढ़ाई के बाद वे कैसे डॉक्टर बनी हैं। समाजसेवा में भी आगे रहती हैं। वह छात्राओं को बताती हैं कि हमे किसी पर निर्भर होना है तो हमे पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। जब हम छोटे होते हैं तो पापा पैसे देते हैं। अगर नहीं पढ़ाई करेंगे तो पति पर निर्भर रहेंगे। हमे तय करना होगा कि हमे अपने जीवन को क्या दिश देनी है। इस प्रकार की जिले में कई रोल मॉडल हैं, जिनको विभाग की ओर से चुना गया है। इनमें छात्राएं भी शामिल हैं।
बदल रही बेटियों की सोच
चयनित रोल मॉडल बताती हैं कि सब पढ़े आगे बढ़े शुरू हुआ है, बेटियों की पढ़ाई के प्रति सोच बदली है। इस बारे में स्कूल अध्यापक खुद बताते हैं कि जो बेटियां पहले पढ़ाई में रुचि नहीं दिखाते थे आज उनके नंबर अच्छे आने आने हैं। स्कूल के बाद भी एक्सट्रा क्लास लगाने को तैयार रहती हैं। जो बेटियां स्कूल छोड़ चुकी थी सहपाठी उनको फिर से स्कूल में ले आईं। इस अभियान के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।