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डग्गामार बसों के चालान, सात लाख जुर्माना

रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) के अधिकारी शहर में चल रही डग्गामार बसों पर लगाम लगाने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रहे हैं। वीरवार को सेक्रेटरी अम¨रद्र ¨सह और एमवीओ राकेश कुमार की टीम ने दिन में चे¨कग अभियान चलाकर सात बसों के लगभग तीन लाख रुपये के चालान काटकर इन्हें

By Edited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 07:01 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 07:01 AM (IST)
डग्गामार बसों के चालान, सात लाख जुर्माना
शहर में चल रही डग्गामार बसों पर लगाम लगाने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, पानीपत : रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) के अधिकारी शहर में चल रही डग्गामार बसों पर लगाम लगाने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रहे हैं। वीरवार को सेक्रेटरी अम¨रद्र ¨सह और एमवीओ राकेश कुमार की टीम ने दिन में चे¨कग अभियान चलाकर सात बसों के लगभग तीन लाख रुपये के चालान काटकर इन्हें इंपाउंड किया। वहीं देर शाम टीम फिर से चे¨कग के लिए रवाना हो गई। इसके बाद भी डग्गामार बसों के संचालक बाज नहीं आ रहे। ऐसा ही नजारा वीरवार शाम पांच बजे जीटी रोड स्थित आइसीआइसीआइ बैंक ब्रांच के सामने ओवरब्रिज के नीचे देखने को मिला। उप्र में रजिस्टर्ड बस में पहले से लगभग 60 यात्री सवार थे। ड्राइवर और कंडक्टर इसके बाद भी बस में सवारियां बैठा रहे थे। बस के इंट्री गेट के सामने एक परिवार खड़ा था। इस ओवरसी¨टग वाली बस में सफर करने से कतरा रहा था। यात्रियों ने बताया कि वे पानीपत से बिहार जाने के लिए बस में सवार हुए हैं। ओवरसी¨टग कर चालान राशि रिकवर कर रहे संचालक चालान काटने के बावजूद दूसरे जिलों और राज्यों के ट्रांसपोर्टर रास्ते से बु¨कग उठाने से बाज नहीं आ रहे। हालात ये हैं कि शहर के मुख्य चौक-चौराहों को भी डग्गामार बस मालिकों ने अपना अड्डा बना लिया है। चालान की राशि की रिकवरी के लिए संचालक ओवरसी¨टग कराते हैं। कोरोनाकाल में ये ओवरसी¨टग यात्रियों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। शहर में इन जगहों से चलती है डग्गामार बसें डग्गामार बसों के संचालकों और दलालों ने सवारियां बैठाने के लिए शहर में लगभग दस प्वाइंट बना रखे है। दिन ढलते ही असंध रोड नाका, काबड़ी फाटक, संजय चौक, एसडी कॉलेज के सामने, चांदनी बाग कॉलोनी, कृष्णा गार्डन, पीपल मंडी, सेक्टर 29 बाइपास पर अक्सर दलाल बसों में सवारियां बैठाते नजर आते हैं। स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को सवारी नहीं मिल पाती। घर से देनी पड़ रही गाड़ियों की किस्तें सिवाह गांव के ट्रांसपोर्टर सोनू ने बताया कि डग्गामार बसों के चलने के कारण स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को बु¨कग नहीं मिल रही। कोरोना काल में बसें खड़ी रहने के कारण जहां लोन और ब्याज अवधि बढ़ गई, वहीं अब कामकाज मंदा होने के कारण घर से लोन की किस्तें चुकानी पड़ रही है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो ट्रांसपोर्ट व्यवसाय घाटे का सौदा साबित हो सकता है। वीरवार को दिन में 5 ओवरलोड, 6 ओवरहाइट सहित 13 ट्रक और 7 बसों के चालान कर लगभग 7 लाख रुपये जुर्माना लगाया है। शहर में चल रही डग्गामार बसों की धरपकड़ के लिए खास अभियान चला रखा है। रोजाना कई बसों के चालान कर उन्हें इंपाउंड किया जा रहा है। - अम¨रद्र ¨सह, आरटीए सेक्रेटरी

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