चालान के बाद भी नहीं रुक रहीं डग्गामार बसें
एक बस जीटी रोड स्थित इलाहाबाद बैंक के सामने ओवरब्रिज के नीचे अक्सर देखने को मिलती है। उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड यह बस बिहार तक जाती है। इसमें
जागरण संवाददाता, पानीपत : रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी (आरटीए) के अधिकारी शहर में चल रही डग्गामार बसों पर लगाम लगाने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रहे हैं। लाखों रुपये का जुर्माना भुगतने के बाद भी बस आपरेटर टैक्स चोरी करने से बाज नहीं आ रहे। कार्रवाई से बेखौफ परिचालक बस मालिक की अधिकारियों से सीधी बातचीत होने का दावा करते हैं।
एक बस जीटी रोड स्थित इलाहाबाद बैंक के सामने ओवरब्रिज के नीचे अक्सर देखने को मिलती है। उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड यह बस बिहार तक जाती है। इसमें 80 से अधिक यात्री सफर करते हैं। ड्राइवर और कंडक्टर यात्रियों के बीच शारीरिक दूरी बनवाना तक उचित नहीं समझते।
ओवरसीटिग कर चालान राशि रिकवर कर रहे संचालक
चालान काटने के बावजूद भी दूसरे जिलों और राज्यों के ट्रांसपोर्टर रास्ते से बुकिग उठाने से बाज नहीं आ रहे। हालात ये हैं कि शहर के मुख्य चौक-चौराहों को भी डग्गामार बस मालिकों ने अपना अड्डा बना लिया है। चालान की राशि की रिकवरी के लिए संचालक ओवरसीटिग कराते हैं। कोरोनाकाल में ये ओवरसीटिग यात्रियों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
शहर में इन जगहों से चलती हैं डग्गामार बसें
डग्गामार बसों के संचालकों और दलालों ने सवारियां बैठाने के लिए शहर में लगभग दस प्वाइंट बना रखे हैं। दिन ढलते ही असंध रोड नाका, काबड़ी फाटक, संजय चौक, एसडी कालेज के सामने, चांदनी बाग कालोनी, कृष्णा गार्डन, पीपल मंडी, सेक्टर 29 बाइपास पर अक्सर दलाल बसों में सवारियां बैठाते नजर आते हैं। जिससे स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को सवारी नहीं मिल पाती।
स्थानीय ट्रांसपोर्टर करते हैं यात्रियों का इंतजार
सिवाह गांव के ट्रांसपोर्टर सोनू ने बताया कि डग्गामार बसों के चलने के कारण स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को बुकिग नहीं मिल रही। लॉकडाउन खुलने के बाद भी बसें खड़ी रहने के कारण लोन की किस्तें घर से चुकानी पड़ रही हैं।