दो दिन की छुट्टी के बाद खुला सिविल अस्पताल, नहीं मिले डॉक्टर, इलाज की बजाय निराशा लेकर लौटे मरीज
सिविल अस्पताल में मरीजों को प्राथमिक इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। इसका कारण डॉक्टरों का अवकाश पर रहना और ओपीडी के दरवाजे पर ताला लटकना है।
जागरण संवाददाता, पानीपत: पांच जून को ईद-उल-फितर और छह जून को महाराणा प्रताप जयंती के कारण दो दिन बंद रहने के बाद शुक्रवार को सिविल अस्पताल खुला। एक हजार से ज्यादा मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे। हड्डी रोग, शिशु रोग, मनोरोग चिकित्सक के अवकाश पर रहने के कारण 300 से अधिक मरीजों का पर्चा ही नहीं बनाया गया।
सिविल अस्पताल में मरीजों को प्राथमिक इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। इसका कारण डॉक्टरों का अवकाश पर रहना और ओपीडी के दरवाजे पर ताला लटकना है। शुक्रवार को सुबह नौ बजे से ही सिविल अस्पताल में पर्चा बनवाने के लिए आपाधापी का माहौल रहा। मरीज एक-डेढ़ घंटा कतार में लगकर विडो तक पहुंचते, कर्मचारी वहां लटके एक बोर्ड की ओर इशारा कर, पर्चा बनाने से इन्कार कर देते। कौन-कौन डॉक्टर अवकाश पर हैं और कौन देरी से आएंगे, बोर्ड पर लिखा हुआ था। निराश मरीजों को इस बात की चिता भी थी कि शनिवार को भी डॉक्टर नहीं मिले तो रविवार को फिर अस्पताल बंद रहेगा। रेडियोलॉजी विभाग में लंबी लाइन
अल्ट्रासाउंड मशीन चालू होने के कारण रेडियोलॉजी विभाग में भी गर्भवती महिलाओं सहित पथरी, रसौली आदि बीमारियों से पीड़ित अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। एक्स-रे सुविधा पूर्वाह्न 11 बजे तक है, इसके कारण भी 30 से अधिक मरीज-चोटिल निराश होकर घर लौट गए। वर्जन :
अस्पताल में चिकित्सकों की कमी बनी हुई है। किसी डॉक्टर के अवकाश पर रहने से मरीजों को दिक्कत होती है। उम्मीद है कि सरकार जल्द चिकित्सकों की नियुक्ति करेगी। अल्ट्रासाउंड और डायलिसिस शुरू होने से मरीजों को लाभ मिल रहा है।
डॉ. आलोक जैन, एमएस