कोरोना के बीच स्वाइन फ्लू न कर दे परेशान, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
कोरोना वायरस संक्रमण के केस रुकने के नाम नहीं ले रहे हैं। वहीं अब स्वाइन फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग को चिंता सताने लगी है। स्वास्थ्य विभाग स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए पहले ही तैयारियां कर रहा है।
पानीपत/करनाल, जेएनएन। स्वाइन फ्लू की दस्तक से पहले ही स्वासथ्य विभाग अलर्ट हो गया है। कोरोना के बीच स्वाइन फ्लू की आहट भी परेशान कर सकती है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने पहले से तैयारियां शुरू कर दी हैं।स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण मे है। फिलहाल जिले में अभी तक कोई स्वाइन फ्लू का केस सामने नहीं आया है। दूसरी ओर सिविल सर्जन ने निर्देश दिए कि स्वाइन फ्लू को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही ना बरती जाए। कोई संदिग्ध मरीज है तो उसकी पूरी जांच की जाए। इसकी हमारे पास जरूर भेज दें। रेपिड रिस्पोंस टीम की नोडल आफिसर डॉ. मंजू पाठक ने कहा कि लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
केसीजीएमसी व जीएच दोनों में होगी जांच
स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू की जांच के लिए कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज व नागरिक अस्पताल दोनों जगह पर जांच कराने की बात कही है। विभाग का मानना है कि कोरोना के बीच स्वाइन फ्लू के केस आ जाते हैं तो लोगों की दिक्कत बढ़ सकती है, इसलिए नागरिक अस्पताल में अलग से फ्लू ओपीडी की व्यवस्था की जा रही है।
निजी अस्पतालों से भी होगा टाइअप
स्वास्थ्य विभाग ने अपने स्तर पर तो इंतजाम कर दिए हैं। इसके अलावा निजी अस्पतालों से भी टाइअप किया जाएगा। स्वाइन फ्लू तेजी से फैला तो उससे निपटने के लिए इंतजाम किए हैं। अमृतधारा माइ अस्पताल, ज्ञानभूषण नर्सिंग होम, रामचंद मेमोरियल व अर्पणा अस्पताल में आपात स्थिति में मरीजों को दाखिल करने की व्यवस्था होगी।
स्वाइन फ्लू के यह हैं सात प्रमुख लक्षण
- तेज के साथ नाक बहना
- खांसी ओर गले में खराश
- सांस लेने में कठिनाई
- मांसपेशियों में दर्द होना
- थकान व सर्दी लगाना
- दस्त और उल्टी लगना
- थूक के साथ खून आना
जिले में आठ सालों में यह रही है स्वाइन फ्लू की स्थिति
वर्ष संदिग्ध पॉजीटिव मौत
2010 87 08 03
2011 05 00 00
2012 05 00 00
2013 95 26 04
2014 00 00 00
2015 32 21 02
2016 00 01 01
2017 15 06 00
2018 03 00 00
2019 78 02 01
नोट यह आंकड़े स्वास्थ्य विभाग की ओर जारी किए हैं। वर्ष 2015 में 21 में से 12 केस दूसरे जिलों के आए जिसमें से एक की मौत हुई थी।
स्वाइन फ्लू से सबसे ज्यादा प्रभावित यह श्रेणी होती है
- लंबी बीमारी से ग्रस्त लोग
- 65 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्ति
- 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे
- गर्भवती महिलाएं
क्या करें?
- हाथ मिलाने और गले मिलने की बजाय नमस्ते बोलें।
- खांसते तथा छिंकते समय अपने मुंह व नाक को रूमाल से ढके।
- अपने नाक, कान अथवा मुंह को छूने से पहले अथवा बाद में अपने हाथों को साबुन एवं पानी से बार-बार धोएं।
- भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहें और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में ना आएं।
- अच्छी नींद लें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
- पानी का अधिक सेवन करें और पौष्टिक आहार लें।
सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने कहा कि स्वाइन फ्लू को लेकर हमारी सभी प्रकार की तैयारियां हैं। नागरिक अस्पताल में फ्लू ओपीडी की व्यवस्था की जा रही है। टेस्टिंग की व्यवस्था भी की जा रही है। कोरोना संक्रमण के बीच स्वाइन फ्लू ना आए उम्मीद यही है, लेकिन एहतिहात के तौर पर हम अपनी तरफ से पूरी तैयारियों में जुटे हैं।