सिरफिरे का एकतरफा प्यार, किशोरी ने ठुकराया तो सात बार मारी थी चाकू, अब 7 साल कैद
पानीपत में कोर्ट ने दोषी को सात साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। दोषी ने एकतरफा प्यार में किशोरी पर चाकू से सात वार किए थे। किशोरी ने युवक के प्यार को ठुकरा दिया था। इसके बाद युवक ने कदम उठाया।
पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत के किला थाना क्षेत्र में एक सिरफिरे प्रेमी ने एकतरफा प्यार में किशोरी (आयु करीब 15 साल) पर चाकू से सात वार किए थे। घटना 29 मई 2018 की है। घटना के समय किशोरी कंप्यूटर सेंटर से घर लौट रही थी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमित गर्ग की कोर्ट ने दोषी को सात साल की सजा सुनाई है।
दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पीड़ित पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले एडवोकेट राजेश गर्ग ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि 29 मई, 2018 को एक व्यक्ति ने किला थाना में शिकायत दी थी। उसने पुलिस को बताया था कि मेरी नाबालिग बेटी सायं करीब 6:30 बजे कंप्यूटर सेंटर से घर लौट रही थी। मेरा भतीजा भी कुछ दूरी पर साथ था। इसी दौरान जावा कालोनी वासी गुरमीत पुत्र सतपाल ने बेटी को रोका और चाकू से सात वार किया। चाकू गर्दन, पेट, हाथों में लगा। बेटी ने शोर मचाया तो हमलावर जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गया। लहुलुहान किशोरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने आइपीसी की धारा 307, 341, 324, 506 और 12 पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने अगले दिन ही गुरमीत को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया था।
कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। उधर, अस्पताल से घर लौटने पर किशोरी ने भी गुरमीत के खिलाफ पुलिस को बयान दिए। मामला कोर्ट में विचाराधीन था। मंगलवार को कोर्ट ने दोषी को सजा और जुर्माना सुना दिया। जुर्माना की रकम में से 50 हजार किशोरी को मिलेंगे। हालांकि, दोषी ने जुर्माना रकम जमा नहीं कराई है।
दोस्ती का रखा था प्रस्ताव
किशोरी ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि गुरमीत मुझे दोस्ती का प्रस्ताव देता था, जिसे मैंने ठुकरा दिया था। हमला वाले दिन भी उसने दोस्ती करने को कहा, मैंने मना कर दिया था। इससे पहले वह कई बार छेड़खानी भी कर चुका था।
दोषी का कबूलनामा
पुलिस के समक्ष दोषी ने कबूला कि मैं लड़की से प्यार करता था। उसके घर आना-जाना था। उसकी पसंद का सामान भी लाकर देता था। लड़की के माता-पिता को इसकी जानकारी थी। इसके बावजूद वह दूसरे लड़कों से बातें करती थी।
घटना निंदनीय
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमित गर्ग ने फैसला सुनाते हुए टिप्पणी की है कि घटना निंदनीय व चौंकाने वाली है । दोषी ने यह दोष आत्मप्रेरित विश्वास और पागलपन के कारण किया है। हालांकि, वह युवा आदतन अपराधी नहीं है।