कपास के दाम में तेजी, उद्योग पर बड़ा असर, धागे के भाव 4 दिन में 7 प्रतिशत बढ़े
कपास के दाम में तेजी हुई है। कपास के दाम बढ़ने से जहां किसानों में खुशी है वहीं उद्योग में संकट खड़ा हो गया है। धागे के भाव में चार दिन में सात प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है। मांग के अनुरूप निर्यातकों को नहीं मिल पा रहा काटन यार्न।
पानीपत, जागरण संवाददाता। कपास के भाव में लगातार तेजी से काटन यार्न के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। काटन यार्न के फाइन काउंट में तेजी का असर कपड़ा निर्यात पर पड़ रहा है। निर्यात उद्योग में काटन यार्न की बंपर मांग चल रही है।
मांग अधिक होने व आपूर्ति कम होने के कारण धागे के भाव लगातार बढ़ रहे हैं। बाजार के जानकार व्यापारियों का कहना है कि रुई की फसल में इस बार कीड़ा लगने से फसल खराब हुई है। उच्च गुणवत्ता का धागा नहीं बन पा रहा। एक सप्ताह में कपास के दामों में 350 रुपये मन तक की बढ़ोतरी दर्ज की है। रूई का भावन इन दिनों 7500 रुपये मन (40 किलो ग्राम) से अधिक चल रहा है।
पहली बार काटन का भाव 7400 रुपये प्रति मन से ऊपर चल रहा है। कई मंडी में तो भाव और ज्यादा हैं। पानीपत में काटन यार्न का इस्तेमाल अधिक होता है। कपास में तेजी का असर काटन यार्न पर पड़ रहा है। कपड़ा और हैंडलूम उत्पादन महंगा हो रहा। सीधे-सीधे काटन के भाव 208 रुपये किलो चल रहे हैं।
चार-पांच दिनों में सात प्रतिशत की तेजी
यार्न कारोबारी विनोद खंडेलवाल का कहना है कि फाइन काउंट की मांग निर्यात उद्योगों में चल रही है। आपूर्ति कम मिल पा रही है। यही कारण है कि पिछले चार पांच दिनों में 5-7 प्रतिशत भाव धागे के बढ़ चुके हैं। पानीपत में 2/40 काउंट की अधिक मांग होती है। 15 दिन पहले यह काउंट 410 रुपये किलो बिक रहा था जो अब 440 रुपये किलो तक पहुंच चुका है। कार्डिड काउंट जो 345 रुपये के भाव बिक रहा था, वह 400 रुपये से ऊपर जा चुका है।
कोरोना और काटन यार्न की तेजी का कपड़ा कारोबार पर असर
उद्यमी मोहन लाल गर्ग का कहना है। कोरोना से बाजार दहशत में है। काटन की तेजी से यार्न में तेजी दर्ज की गई है। फाइन काउंट एक्सपोर्ट में अधिक लगते हैं। कांबर से बने धागे भी तीन चार रुपये किलो तेज चल रहे हैं। कांबर से पानीपत में धागे बनते हैं। कांबर का भाव भी 102 रुपये किलो तक पहुंच गया है। कांबर फाइन काउंट बनाने वाली मिलों से निकलती है। फाइन काउंट के भाव बढ़ने से कांबर में तेजी दर्ज की गई है।