नगर निगम में भ्रष्टाचार मामला : एडीसी वत्सल वशिष्ठ को मिली अग्रिम जमानत
नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन आयुक्त एडीसी वत्सल वशिष्ठ को अतिरक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रवीन कुमार की कोर्ट से बुधवार को अग्रिम जमानत मिल गई है। बता दें कि निगम के मुख्य सफाई निरीक्षक सुधीर कुमार को विजिलेंस ने 31 मई को 13.70 लाख रुपये (सफाई के 1.37 करोड़ के बिल का 10 फीसद कमीशन) लेते पकड़ा था।
जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन आयुक्त, एडीसी वत्सल वशिष्ठ को अतिरक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रवीन कुमार की कोर्ट से बुधवार को अग्रिम जमानत मिल गई है। बता दें कि निगम के मुख्य सफाई निरीक्षक सुधीर कुमार को विजिलेंस ने 31 मई को 13.70 लाख रुपये (सफाई के 1.37 करोड़ के बिल का 10 फीसद कमीशन) लेते पकड़ा था। उसी ने विजिलेंस के समक्ष कबूला था कि बिल का चार फीसद कमीशन तत्कालीन कमिश्नर का था।
सुधीर के कबूलनामे को आधार बनाकर ही विजिलेंस एडीसी वशिष्ठ को गिरफ्तार करना चाहती भी। गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने जिला एवं सत्र न्यायधीश की कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। दो जुलाई को याचिका पर हुई सुनवाई में कोर्ट ने एडीसी को डायरेक्शन दी थी कि सात जुलाई तक विजिलेंस को जांच में सहयोग करें। बुधवार को हुई सुनवाई में एडीसी के वकील ने कोर्ट में बताया कि जांच में सहयोग किया गया है। इसी आधार पर उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई है।
विजिलेंस टीम ने मुख्य सफाई निरीक्षक सुधीर कुमार को लाल ने 31 मई को लाल बत्ती चौक से पकड़ा था। उधर, बताया गया है कि एडीसी का नगर निगम आयुक्त पद से 12 मई को ही ट्रांसफर हो गया था। यह है पूरा मामला
आइएनडी सैनिटेशन एंड सोल्यूशंस कंपनी को शहर की सड़कों की सफाई का ठेका दिया हुआ है। हर माह 1.37 करोड़ का बिल बनता है। कंपनी के निदेशक कृष्ण ने 29 मई को सुधीर को बिल पास करने के लिए कहा था। आरोप है कि सुधीर ने बिल पास करने का 10 फीसद कमीशन मांग लिया था। कृष्ण ने कॉल रिकार्डिंग कंपनी के प्रशासनिक आफिसर चंकित डराल को दी। उसने विजिलेंस में शिकायत की थी। अकाउंट आफिसर व आडिटर ले चुके हैं जमानत
सुधीर के कबूलनामे के बाद विजिलेंस सीनियर अकाउंट आफिसर सुनील दहिया, आडिटर प्रदीप पूनिया को भी गिरफ्तार करना चाहती थी। 23 जून को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश अमित गर्ग की कोर्ट से दोनों 50-50 हजार रुपये के बांड पर जमानत दे दी थी।