स्ट्रीट लाइटों में फंसे निगम अधिकारी सिविल वर्क में कर रहे बड़ा घोटाला
स्ट्रीट लाइट घोटाले में फंसे नगर निगम अधिकारी सिविल वर्क में भी बड़ा खेल करने में लगे हैं। इनमें पहले से चल रहे सड़क और पार्क सुंदरीकरण के काम सवालों के घेरे में हैं। अब नया मामला सेक्टर-25 में मलिक पेट्रोल पंप से थाना चांदनी बाग तक बनने वाली सड़क का है।
जगमहेंद्र सरोहा, पानीपत : स्ट्रीट लाइट घोटाले में फंसे नगर निगम अधिकारी सिविल वर्क में भी बड़ा खेल करने में लगे हैं। इनमें पहले से चल रहे सड़क और पार्क सुंदरीकरण के काम सवालों के घेरे में हैं। अब नया मामला सेक्टर-25 में मलिक पेट्रोल पंप से थाना चांदनी बाग तक बनने वाली सड़क का है। शहरी विधायक प्रमोद विज की रोक के बावजूद निगम अधिकारी इस सड़क का बजट 70 लाख रुपये एनहांस करने की तैयारी में हैं। विधायक की इस बैठक को हफ्ता ही हुआ है। विधायक ने बजट एनहांस के बजाय नया टेंडर लगाने के निर्देश दिए थे। निगम के जेई से लेकर एमई और एक्सईएन तक बजट एनहांस करना चाहते हैं। इसके लिए ठेकेदार को कहकर सड़क निर्माण काम बंद करा दिया। तीन साल पहले तीन करोड़ का था टेंडर नगर निगम ने तीन साल पहले जीटी रोड मलिक पेट्रोल पंप से थाना चांदनी बाग तक की दोनों लेन और हरिद्वार बाईपास पर थाना चांदनी से बलजीत नगर नाका तक की सड़क का करीब तीन करोड़ का टेंडर लगाया था। इस बीच जनस्वास्थ्य विभाग ने मलिक पेट्रोल पंप से थाना चांदनी बाग की मित्तल मॉल की तरफ वाली लेन पर करीब चार फुट का सीवर बिछाना शुरू कर दिया। निगम अधिकारियों ने इस लेन की सड़क निर्माण का काम रोक दिया। इसके लिए एक करोड़ रुपये का बजट रखकर ठेकेदार को बाकी की पेमेंट कर दी। इसी बीच निगम अधिकारियों ने इस बजट को ट्रांसफर कर सेक्टर-12 की मुख्य सड़क बना दी। दो महीने पहले पूरी होनी थी सड़क मलिक पेट्रोल पंप से थाना चांदनी बाग की एक लेन बनाने की मांग उठी तो निगम अधिकारियों ने गत दिनों 1.69 करोड़ का टेंडर लगाया। ठेकेदार बिजली ¨सह ने इसका निर्माण शुरू किया। बारिश के सीजन से पहले रोड़े की दो लेयर डाल दी गई। अब सड़क बनाने का काम बंद है। ठेकेदार बिजली ¨सह ने बताया कि कोलतार की एक लेयर की मोटाई बढ़ाई जानी है। निगम अधिकारियों ने अप्रूवल लेने तक काम बंद किया है। इस तरह समझें निगम का खेल इंजीनियर ने पहले यह डिजाइन बनाया नगर निगम ने इस सड़क का वर्क ऑर्डर फरवरी में दिया था। ड्राइंग में दो बार रोड़ा डालने के बाद कोलतार की 50-50 एमएम की दो लेयर डालनी थी। इसके ऊपर कंक्रीट की 40 एमएम की लेयर डाली जानी थी। उस वक्त निगम के इंजीनियरों ने हर पहलू को देखकर ड्राइंग तैयार की थी। ठेकेदार ने नियमानुसार सड़क बनानी शुरू कर दी। अब अधिकारियों ने कोलतार की मोटाई की बात रख दी। ठेकेदार ने इस काम को रोक दिया। अब यह चाहते हैं निगम के इंजीनियर नगर निगम एक्सईएन ने जनस्वास्थ्य विभाग के सीवर का हवाला देकर सड़क को मजबूत बनाने का दावा रखा। रोड़े के ऊपर कोलतार की बिछने वाली दो में से एक लेयर की मोटाई बढ़ाने की सिफारिश की। इसमें एक लेयर 50 एमएम की रखी है, जबकि दूसरी लेयर की मोटाई 70 से 80 एमएम तक किया जा रहा है। इसके ऊपर 40 एमएम की कंक्रीट की एक और लेयर बिछाई जाएगी। ऐसे में निगम पर 70 लाख रुपये का बोझ पड़ेगा। वर्जन मलिक पेट्रोल पंप से थाना चांदनी बाग तक सड़क की एक लेन पर जनस्वास्थ्य विभाग की सीवर लाइन बिछाई गई है। इसको देखते हुए सड़क को मजबूत बनाया जाना जरूरी है। जगबीर मलिक, एमई, नगर निगम।