वैक्सीनेशन से एतराज, बूस्टर डोज लगवाने में स्वास्थ्य और फ्रंट लाइन कर्मचारी नहीं दिखा रहे रुचि
कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच बुजुर्गों व फ्रंट लाइन कर्मचारियों को वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाई जा रही है। फिलहाल हालात यह है कि अधिकतर सीनियर चिकित्सकों ने ही अब तक बूस्टर डोज नहीं लगवाई है। इसके अलावा पुलिस कर्मी भी बूस्टर डोज नहीं लगवा रहे हैं।
जींद, जागरण संवाददाता। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य कर्मी, फ्रंट लाइन कर्मचारी व सीनियर सिटीजन को बूस्टर डोज लगाने के अभियान की शुरुआत हुए छह दिन हो चुके हैं। लेकिन स्वास्थ्य कर्मी बूस्टर डोज लगवाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। विभाग द्वारा सभी चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को बूस्टर डोज लगवाने के लिए पत्र जारी किया जा चुका हैं। लेकिन फिलहाल हालात यह है कि अधिकतर सीनियर चिकित्सकों ने ही अब तक बूस्टर डोज नहीं लगवाई है। इसके अलावा पुलिस कर्मी भी बूस्टर डोज नहीं लगवा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के अनुसार प्रतिदिन औसतन 178 लोग ही बूस्टर डोज लगवा रहे हैं।
1069 लोगों ने लगाई बूस्टर डोज
दस जनवरी से शुरू हुए अभियान के बाद अब तक 1069 ने बूस्टर डोज लगवाई है। इसमें सभी स्वास्थ्य कर्मी व फ्रंड लाइन कर्मचारियों से ज्यादा सीनियर सिटीजन ही बूस्टर डोज लगवा रहे हैं। शनिवार को भी जिले में 49 बूस्टर डोज लगी। इसमें से स्वास्थ्य कर्मियों ने 20 व छह फ्रंड लाइन कर्मचारी व 23 सीनियर सिटीजन ने वैक्सीन लगवाई है। जबकि जिले में लगभग छह हजार स्वास्थ्य कर्मियों व 10 हजार से ज्यादा फ्रंट लाइन कर्मचारियों को बूस्टर डोज लगनी है। पहले स्वास्थ्य विभाग ने एक सप्ताह में ही स्वास्थ्य कर्मियों व फ्रंट लाइन को बूस्टर डोज लगाने का प्लान तैयार किया था, लेकिन कर्मचारियों के आगे नहीं आने के चलते प्लान पर पानी फिर गया है।
588217 लोगों ने लगवाई दोनों डोज
जिले में शुरुआत से ही वैक्सीनेशन का कार्य ढील चल रहा है। जिले में अब तक पांच लाख 88 हजार 217 लोगों ने दोनों डोज लगवाई है। जबकि आठ लाख 77 हजार 750 लोगों ने पहली डोज लगवाई है। जबकि किशोरों को शामिल करके जिले में लगभग साढ़े दस लाख लोगों को वैक्सीन लगने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. नवनीत ने बताया कि वैक्सीनेशन के कार्य में तेजी लाई जा रहे हैं। कर्मचारियों को बूस्टर डोज लगवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।