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10 दिन में जींद डिपो के 15 परिचालक हो चुके संक्रमित, 3 की जा चुकी है जान

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर लगातार खतरनाक साबित होती जा रही है। आए दिन लोगों की जान जा रही हैं। इसका असर जींद रोडवेज डिपो में भी देखने को मिल रहा। 10 दिन में 15 ऑपरेटर संक्रमित हो गए और तीन की मौत हो गई।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 05:55 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 05:55 PM (IST)
10 दिन में जींद डिपो के 15 परिचालक हो चुके संक्रमित, 3 की जा चुकी है जान
जींद रोडवेज डिपो में तीन ऑपरेटर की मौत हो गई।

जींद, जेएनएन।  कोरोना महामारी के कारण पिछले साल लॉकडाउन के बाद जब परिवहन गतिविधियां शुरू की गई थी, तब थर्मल स्केनिंग से लेकर मास्क, सैनिटाइजेशन जैसी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद ही बसों में इंट्री होती थी लेकिन अब ऐसी किसी तरह की व्यवस्था बस अड्डे पर नजर नहीं आ रही। कोरोना की जो दूसरी लहर अब चल रही है, वह पहली से काफी खतरनाक है लेकिन रोडवेज प्रबंधन द्वारा इससे निपटने और अपने कर्मचारियों को सुरक्षित करने की खातिर किसी तरह के कदम नहीं उठाए जा रहे। पिछले 10 दिनाें में रोडवेज के 15 परिचालक संक्रमित हो चुके हैं तो तीन कर्मचारियों की जान जा चुकी है। इससे रोडवेज कर्मियों में खौफ का माहौल है।

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कोरोना महामारी की चेन को तोड़ने की सरकार द्वारा एक सप्ताह का लॉकडाउन किया गया था लेकिन परिवहन सुविधाएं सुचारू रखने के आदेश जारी किए गए हैं। अब जींद डिपो से बसें रोहतक, भिवानी, पानीपत, गोहाना, कैथल, चंडीगढ़ की तरफ जा रही हैं और इनमें 20 से 25 यात्री एक बस में यात्रा कर रहे हैं। यात्रियों के चेहरे पर मास्क जरूर नजर अा रहे हैं लेकिन इनमें से एक भी यात्री अगर संक्रमित होगा और वह परिचालक के संपर्क में आ गया तो कोरोना की इतनी लंबी चेन बन सकती है कि इसे तोड़ना प्रशासन के बस की बात नहीं रहेगी, क्योंकि ड्यूटीरत परिचालक दिन भर में सैकड़ों यात्रियों के साथ सीधे संपर्क में आता है। कर्मचारियों के हर रोज संक्रमित होने की पुष्टि होना भी कहीं न कहीं इस बात को प्रमाणित करता है कि बसों में कोरोना बंट रहा है। ऐसे में कर्मचारी यूनियनें परिचालकों के हितों को देखते हुए बसों के पहिए रोकने के पक्ष में हैं।

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10 दिन में 15 परिचालक संक्रमित, तीन की मौत

पिछले 10 दिनों में जींद डिपो, सफीदों और नरवाना सब डिपो के 15 परिचालक कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। दो परिचालक और एक गनमैन की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा तो केवल जींद डिपो का है, प्रदेश के सभी डिपो की यही स्थिति है। इसके बावजूद कर्मचारी की जान की कीमत को समझते हुए परिवहन विभाग द्वारा किसी तरह का निर्णय नहीं लिया जा रहा।

थर्मल स्केनिंग की हो सुविधा : संदीप रंगा

रोडवेज कर्मचारी यूनियन इंटक के प्रदेश उपमहासचिव संदीप रंगा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान परिचालकों की सुरक्षा को देखते हुए बसों को अस्थायी रूप से रोका जाए। बस अड्डे पर थर्मल स्केनिंग की सुविधा हो। रोडवेज परिचालकों को भी फ्रंट कैटेगरी में शामिल कर 50 लाख की बीमा सुरक्षा पॉलिसी में लिया जाए।

सभी परिचालकों को दिए हैं मास्क और सैनिटाइजर : बिजेंद्र हुड्डा

जींद डिपो के महाप्रबंधक बिजेंद्र हुड्डा ने कहा कि सभी परिचालकों को मास्क और सैनिटाइजर वितरित किए गए हैं। बसों में शारीरिक दूरी के तहत यात्री बैठाने के लिए कहा गया है।


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