कोरोना का प्रकोप बढ़ा, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर, आक्सीजन की नहीं होगी किल्लत
कोरोना संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। अब रोजाना मिलने वाले संक्रमित मरीजों की संख्या 200 तक पहुंच गई है। इसे देखते हुए ही स्वास्थ्य विभाग ने इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। आक्सीजन की किल्लत न हो इसके लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी आक्सीजन पाइपलाइन लगाई गई है।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह से आक्सीजन व बेड की किल्लत बनी थी। इस बार ऐसा नहीं होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही तैयारियां कर रखी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी आक्सीजन पाइपलाइन लगाई गई है। जिससे आपातकालीन स्थिति में यहां पर भी मरीजों को दाखिल किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दस-दस बेड के कोविड सेंटर बना रखे हैं। अब इन बेडों तक ही आक्सीजन पहुंचाने के लिए यह व्यवस्था की गई है। इनमें बिलासपुर, रादौर, छछरौली, प्रतापनगर, साढौरा में यह व्यवस्था की जा रही है।
कोरोना मरीजों की संख्या 200 पहुंच गई है
कोरोना संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। अब रोजाना मिलने वाले संक्रमित मरीजों की संख्या 200 तक पहुंच गई है। इसे देखते हुए ही स्वास्थ्य विभाग ने इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। इस समय जिले में 500 से भी अधिक सक्रिय मरीज हैं। राहत की बात यह है कि अधिकतर मरीज होम आइसोलेशन में है। महज 81 मरीज की अस्पतालों में दाखिल हैं। इनमें से भी कोविड अस्पताल ईएसआइ में सात मरीज दाखिल हैं। वह भी अधिक गंभीर नहीं है।
3500 लीटर प्रति मिनट क्षमता के चार आक्सीजन प्लांट तैयार
स्वास्थ्य विभाग ने पीएम केयर फंड व सीएसआर प्रोजेक्ट के तहत पहले ही 3500 लीटर प्रति मिनट क्षमता के चार आक्सीजन प्लांट लगाए जा चुके हैं। इनमें इस्जैक की ओर से एक हजार लीटर प्रति मिनट क्षमता का प्लांट कोविड अस्पताल ईएसआइ में, 500 लीटर प्रति मिनट क्षमता का प्लांट पीएम केयर फंड से सरस्वतीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, एक हजार लीटर प्रति मिनट क्षमता का प्लांट एचडीएफसी बैंक की ओर से जगाधरी सिविल अस्पताल और एक हजार लीटर प्रति मिनट क्षमता का प्लांट पीएम केयर फंड से सिविल अस्पताल यमुनानगर में लगा हुआ है। हालांकि अभी सिविल अस्पताल यमुनानगर को छोड़कर अन्य प्लांटों के बिजली कनेक्शन नहीं हुए हैं। इसके लिए बिजली निगम को पत्र भेजा गया है। अभी तक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। फिलहाल इन प्लांटों को चलाने की भी जरूरत नहीं पड़ी है। इन प्लांटों को चलाने के लिए जरनेटर की व्यवस्था की गई है।
आक्सीजन पाइपलाइन लगने से नहीं होगी दिक्कत
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आक्सीजन पााइपलाइन लगाए जाने से आपातकालीन व्यवस्था होगी। यदि मरीज बढ़े और इन केंद्रों पर शिफ्ट करने पड़े, तो यहां पर बड़ा सिलेंडर लगाकर आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।