Lockdown Update: संकटकाल में निभा रहे सेवा धर्म, 65 हजार से ज्यादा लोगों को खिलाते हैं खाना
कोरोना वायरस महामारी से जंग में उद्योगपतियों से लेकर सामाजिक-धार्मिक संगठन एनजीओ जनप्रतिनिधि ग्राम पंचायतें कर्मचारी छात्र और किसान आगे आए।
पानीपत, जेएनएन। गुरु नानक देव ने एक सीख दी- नाम जपो, किरत करो और वंड छको। यानी ईश्वर का स्मरण करें, ईमानदारी से आजीवका कमाएं और बांटकर खाएं। पानीपत ने इस सीख को न केवल आत्मसात किया, बल्कि दूसरों के लिए बड़ी प्रेरणा स्नोत बना है। लॉकडाउन के पहले दिन से सामाजिक संगठनों के सदस्यों, उद्यमियों, गुरुद्वारों के सेवकों से लेकर समर्थजनों ने कोने-कोने में पहुंचकर घर-घर राशन पहुंचाया। जहां बना बनाया खाना देने की जरूरत थी, वहां बनाकर खिलाया, जहां सूखे राशन की दरकार थी, वहां पैकेटों के पैकेट भरकर पहुंचाए। आज भी रोजाना 65 हजार से अधिक लोगों तक खाना पहुंच रहा है। एक अनुमान लगाएं तो रोजाना पांच लाख रुपये से अधिक का खर्च तो केवल समाजसेवी संगठन ही कर रहे हैं।
गुरुद्वारों और मंदिरों से बड़ी सेवा
मॉडल टाउन का गुरुद्वारा हो या फिर जीटी रोड पर जोध सचियार, तहसील कैंप के छोटे-छोटे गुरुद्वारे हों या इंसार बाजार का प्रेम मंदिर। सनौली रोड का कांशीगिरी मंदिर, गीता मंदिर रोड का गीता मंदिर, सतजिंदा कल्याणा मंदिर। मुहल्लों की बात तो सेक्टरों की एसोसिएशन, एल्डिको के नागरिक। हर जगह एक माहौल बना हुआ है सेवा का। सैकड़ों की संख्या में महिलाएं रोजाना अपने घर से रोटी, सब्जी बनाकर यहां पहुंचाती हैं। यहां से सेवादार घर-घर तक खाना पहुंचा रहे हैं।
बड़ा सवाल- प्रशासन क्यों देर से जागा
एक तरह आमजन ने मदद के लिए हाथ पीछे नहीं खींचे तो दूसरे तरफ जिला प्रशासन ने पानीपत की किरकिरी करवा दी। लॉकडाउन के दो सप्ताह बाद तक भी जब बस्तियों तक प्रशासन ने सूखा राशन नहीं पहुंचाया तो आरटीआइ एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा दी। वहां से मामला हाई कोर्ट में पहुंचा। हाई कोर्ट ने आदेश दिए कि कोई भी भूखा नहीं रहे। जरूरतमंद तक मदद पहुंचनी ही चाहिए। इस आदेश के बाद तो जैसे जिला प्रशासन नींद से जागा। नोडल अधिकारी मोहम्मद शाइन ने तुरंत नगर निगम के कमिश्नर ओमप्रकाश से राशन वितरण का चार्ज ले लिया। ये जिम्मा एडीसी प्रीति को सौंप दिया। कपूर ने बताया कि उन्होंने जो लिस्ट दी थी, उसके मुताबिक अब डोर टू डोर राशन पहुंच रहा है। पर बड़ा सवाल ये है कि आखिर इतने दिन लगने की नौबत ही क्यों आई।
हजारों महिलाएं बना रही हैं भोजन
ये पानीपत की गृहिणी गीता हैं। जो इस संकट काल में प्रतिदिन अपने घर की रसोई में निर्बल वर्ग के लोगों के लिए भोजन तैयार करती हैं, जिन्हें समाजसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता जरूरतमंदों को बांटते हैं। बता दें कि गीता जैसी हजारों महिलाएं पूरे हरियाणा में गरीबों के लिए भोजन बनाने के पुनीत काम बिना थके पूरे दिन जुटी रहती हैं।
इन संगठनों का बड़ा योगदान
रब दे संगठन
सिख यूथ ब्रिगेड
हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स
एक प्रयास
आरंभ फाउंडेशन
सहयोग चेरिटेबल ट्रस्ट
विश्व मानव रूहानी केंद्र
पूर्वांचल संघ
कृष्णकृपा सेवा समिति
संयुक्त व्यापार मंडल
रेजिडेंस वेलफेयर एसोसिएशन