पल्स पोलियो अभियान स्थगित, अब कोविड वैक्सीन पर फोकस
पल्स पोलियो अभियान 17 से कोरोना काल में चुनौती। कोविड-19 टीकाकरण भी होना है शुरू। अगर दोनों अभियान साथ चलते हैं आम जनता को साथ निभाना होगा। 16 जनवरी से टीकाकरण का पहला चरण संभावित। स्वास्थ्य विभाग की तैयारी कंपलीट।
पानीपत, जेएनएन। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (भारत सरकार) ने 17 जनवरी से शुरू होने वाले तीन दिवसीय पल्स पोलियो अभियान को स्थगित कर दिया है। मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है। इसी के साथ 16 जनवरी से कोविड वैक्सीनेशन की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं।
पोलियो उन्मूलन अभियान स्थगित होने की पुष्टि पानीपत के सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा ने की है। उन्होंने कहा कि अभी नई तारीख निर्धारित नहीं है। दरअसल, यह अभियान 17 से 19 जनवरी तक चलना था। इसमें स्वास्थ्य विभाग के करीब ढ़ाई हजार कर्मचारियों (आशा एएनएम सहित) की ड्यूटी लगाई गई थी। इधर, 13-14 जनवरी को जिला में कोविड वैक्सीन भी पहुंचने की पूरी संभावना है। 16 जनवरी से पहला चरण शुरू करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी भी पूरी कर ली है। इसमें करीब 6500 हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन का टीका लगना है। दोनों अभियान एक साथ आने से विभाग के अधिकारी असमंजस में थे।
अधिकारियों ने ली राहत की सांस
पोलियो अभियान स्थगित होने से अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। सिविल सर्जन ने बताया कि पोलियो एक्टिविटी स्थगित करने का कोई कारण तो नहीं बताया गया है। माना जा रहा है कि कोविड वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है।
कोविन मोबाइल एप के जरिये मानीटरिंग
वैक्सीनेशन की मानीटरिंग कोविन मोबाइल एप से होगी। इसमें प्रशासनिक, रजिस्ट्रेशन, वैक्सीनेशन, स्वीकृति और रिपोर्ट सहित पांच माड्यूल हैं। टीकाकरण में 30 मिनट का समय लगेगा। हर सेशन में 100 लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी।
जिंदगी भर की इम्युनिटी नहीं
कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगने का अर्थ जीवन भर की इम्युनिटी नहीं है। वैक्सीन बना रही कंपनियों के अब तक के दावों के मुताबिक दो साल काम करेगी। वैक्सीन का असर लंबे समय तक भी रह सकता है। टीका लगने के बाद कोरोना संक्रमण की आशंका कम हो जाएगी।