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तीसरी लहर में युवाओं और बच्चों को चपेट में ले रहा कोरोना, सैंपलिंग कम, संक्रमण ज्यादा

तीसरी लहर में युवाओं और बच्चों को चपेट में ले रहा कोरोना। सैंपलिंग कम होने के बावजूद संक्रमण दर बढ़ी। एक महीने में गिर गई रिकवरी दर। कैथल में कोरोना की तीसरी लहर तेजी से फैल रही युवाओं में संक्रमण के ज्यादा मामले।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 12:33 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 12:33 PM (IST)
तीसरी लहर में युवाओं और बच्चों को चपेट में ले रहा कोरोना, सैंपलिंग कम, संक्रमण ज्यादा
कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है।

कैथल, जागरण संवाददाता। पिछले एक महीने से कैथल में कोरोना संक्रमण दर लगातार बढ़ रही है। हालांकि दाे दिन में ठीक होने का आंकड़ा नए संक्रमितों के तकरीबन बराबर ही आ रहा है, लेेकिन एक्टिव केस एक हजार तक पहुंच गए हैं। एक महीने पहले जिले का रिकवरी रेट करीब 98 प्रतिशत था, जो शनिवार को 90 प्रतिशत पर आ गया है। संक्रमण दर जो करीब  2.8 प्रतिशत थी वह अब 3.42 प्रतिशत हो गई है। अकेले जनवरी माह में अभी तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है और चिंता की बात यह है कि इनमें से दो संक्रमितों को कोई अन्य बीमारी नहीं थी। कोरोना से ही इनकी मौत हुई।  जिले में 13 हजार 391 कोरोना के मरीजों में से 12 हजार 121 मरीज ठीक हो चुके हैं। होम आइसोलेशन में रह रहे कुल 11524 व्यक्तियों में से 10674 ठीक हो चुके हैं।

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युवाओं में बढ़ता संक्रमण चिंता का कारण

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों में सबसे चिंता का कारण इसका युवाओं में ज्यादा एक्टिव होना है। शनिवार तक जिले में 973 एक्टिव केस हैं, जिनमें से तकरीबन 60 प्रतिशत युवाओं में संक्रमण के हैं। इनमें 50 प्रतिशत बच्चे शामिल हैं, जिनकी आयु 18 वर्ष से कम है।

सैंपलिंग कम, केस ज्यादा

जनवरी माह में इससे पहले की तुलना में सैंपलिंग भी काफी कम रही है। इसके बावजूद संक्रमण बढ़ा है। पिछले दिनाें सैंपलिंग करवाने वाले लोगों में से हर तीसरा व्यक्ति संक्रमित मिल चुका है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी सैंपल कम लिए जा रहे हैं और लोगों ने तो खुद आगे आकर टेस्ट करवाना बंद कर दिया है। 

वैक्सीनेशन तेज

कैथल मेेंं अब तक 15 लाख 23 हजार 674 व्यक्तियों का टीकाकरण किया जा चुका है, जिनमें से 8 लाख 75 हजार 665 व्यक्तियों को पहली डोज, 6 लाख 44 हजार 820 व्यक्तियों को दूसरी डोज तथा 3189 को बुस्टर डोज दी जा चुकी है, जिनमें 15 हजार 154 हैल्थ केयर वर्कर्स, 11 हजार 746 फ्रंट लाइन वर्कर्स, 15 से 18 वर्ष के बच्चों को 41868, 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 9 लाख 20 हजार 717 व्यक्ति तथा 45 से 59 वर्ष आयु वर्ग के 2 लाख 99 हजार 145, 60 वर्ष आयु वर्ग से ऊपर के 2 लाख 35 हजार 44 व्यक्ति शामिल हैं।


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