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Corona Outbreak: करनाल में फ‍िर फूटा कोरोना बम, एक दिन में रिकार्ड 123 लोग संक्रमित, एक की मौत

करनाल में शनिवार को कोरोना बम फूटा है। एक दिन में रिकॉर्ड 123 लोग संक्रमित मिले हैं। वहीं एक की मौत हो गई। इसके अलावा बीजना गांव निवासी महिला मुनेश देवी की ट्रामा सेंटर में मौत हुई। परिजनों का आरोप कोविड-19 के टीकाकरण से मौत हुई।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 08:00 PM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 08:00 PM (IST)
Corona Outbreak: करनाल में फ‍िर फूटा कोरोना बम, एक दिन में रिकार्ड 123 लोग संक्रमित, एक की मौत
करनाल में एक दिन में 123 लोग कोरोना संक्रमित।

करनाल, जेएनएन। करनाल में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। शनिवार को 24 छात्रों व आठ शिक्षकों सहित 123 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जबकि एक की मौत भी हुई है।

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58 वर्षीय सेक्टर-32 निवासी व्यक्ति को 19 मार्च को कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज में दाखिल कराया गया था। दो दिन से बुखार और एक दिन से सांस फूलने की शिकायत थी। 19 मार्च को ही उसका सैंपल लिया गया था, जिसमें वह पाजीटिव पाया गया। उसे मैकेनिकल वेंटिलेशन पर रखा गया था। लेकिन उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई। छानबीन में पाया गया कि वह टाइप टू डायबिटीज मेलिटस और उच्च रक्तचाप का रोगी भी था।

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कोविड वैक्‍सीनेशन से मौत का आरोप

दूसरी ओर एक महिला की मौत ट्रामा सेंटर करनाल में भी हुई, जिसका परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला की मौत कोविड-19 का टीकाकरण कराने से हुई है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने प्राथमिक जांच में इस आरोप को दरकिनार किया है।

यह है ट्रामा सेंटर में मृत होने वाली महिला का मामला

सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने बताया कि शनिवार को मुनेश देवी पत्नी रामचंद्र निवासी गांव बीजना की मौत ट्रामा सेंटर में हुई। जिसके बारे में परिजनों द्वारा आरोप लगाया गया कि मुनेश देवी की मृत्यु कोविड-19 टीकाकरण की वजह से हुई। एसएमओ घरौंडा ने प्रारंभिक जांच में पाया कि मुनेश देवी की आयु लगभग 66 वर्ष की थी। जिन्हें 17 मार्च को गांव बीजना में कोविड 19 से बचाव के लिए टीकाकरण किया गया था। उसी दिन मुनेश देवी को रात को बुखार हुआ जिसके लिए अगले दिन उप स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम द्वारा पेरासिटामाल की दवाई दी गई। जिससे बुखार उतर गया। शनिवार को सुबह 5.30 बजे मुनेश देवी को चलने में दिक्कत हुई व बोलने में कठिनाई हो रही थी।

मुनेश देवी को लकवा का दौरा हुआ। जिसके इलाज की बजाय झाड़े के लिए परिवार वाले मुनेश देवी को सीतामाई लेकर गए। उसके उपरान्त गांव बीजना में लेकर के आए जहां पर एएनएम को बुलाने पर एएनएम तुरंत उसके घर गई और पाया कि उसका रक्तचाप बहुत अत्याधिक था जिसे देखते ही एएनएम व आशा मुनेश देवी को परिजनों के साथ जिला नागरिक अस्पताल में लेकर आई जहा पर वह बेहोशी की हालत में पहुंची। लेकिन उसकी मौत हो गई।

छानबीन में सामने आया कि लगभग 4 वर्ष पहले भी मुनेश देवी को लकवा का दौरा पड़ा था और अधिक रक्तचाप की बीमारी से वह ग्रसित थी। स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया कि मुनेश देवी की मृत्यु कोविड 19 टीकाकरण से नही हुई है। लेकिन फिर भी परिजनों के आरोपो को देखते हुए मृतक के शरीर का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है जिससे मृत्यु के असली कारण का पता लगाया जा सके।

महामारी विशेषज्ञ भी कोरोना की चपेट में

सिविल सर्जन कार्यालय के महामारी विशेषज्ञ भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। हल्के बुखार व खांसी-जुकाम की शिकायत को देखते हुए शुक्रवार को उनका सैंपल लिया गया। शनिवार को उनके संक्रमित होने की पुष्टि मिली है। अहम बात यह है कि उन्होंने कोविड-19 की पहली डोज ली थी। शनिवार को दूसरी डोज लेनी थी, जिससे पहले ही उसके संक्रमण होने की पुष्टि हो गई। हालांकि उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि पहली डोज लेने के बाद संभावना हो सकती है, लेकिन दूसरी डोज लेने के बाद संक्रमण की संभावना लगभग खत्म हो जाती है।

यह है जिले की स्थिति

जिले में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण से आशंकित कुल 250523 व्यक्तियों के सैंपल लिए गए हैं। जबकि इनमें से 234843 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है तथा 12807 मामले पाजीटिव हैं, जिनमें से 162 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 763 तक पहुच गई है। 11882 मरीज ठीक होकर अपने घर चले गए हैं। जिला में शनिवार को 123 नए केस पोजिटिव पाए गए हैं और 49 मरीज ठीक हुए हैं।

कोविड 19 की टीका पूरी से सुरक्षित है और अभी तक जिला करनाल में इस टीकाकरण से कोई भी विपरीत परिणाम देखने को नही मिला है। सभी लोगों से अपील की जाती है कि टीकाकरण से संबंधी किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार में ना आए और टीकाकरण के पात्र अपना टीकाकरण जरूर करवाएं। यह भी सलाह दी जाती है कि अगर आप किसी प्रकार की बीमारी से ग्रसित है या कोई दवाई ले रहे है तो टीकाकरण स्थल पर मौजूद टीम से इस जानकारी को साझा करें और परामर्श अनुसार टीकाकरण करवाएं और सभी से अनुरोध है कि गंभीर बीमारी मे झाड़ फूंक में विश्वास न करे और सही समय पर उचित डाक्टरी इलाज लें।

डा. योगेश शर्मा, सिविल सर्जन करनाल


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