मॉडल टाउन गुरुद्वारे में प्रधान के चुनाव को लेकर विवाद, दो पक्षों में आरोप प्रत्यारोप
पांच मेंबर की कमेटी ने चुना नया प्रधान। मुख्य सेवादार प्रधान मोहनजीत ने इसे गुरुद्वारा पर कब्जा करने का प्रयास बताया।
पानीपत, जेएनएन। गुरुद्वारा गुरु रामदास सिंह सभा के चुनाव को लेकर बुधवार को दो पक्ष आमने-सामने हो गए। एक पक्ष ने जल्दबाजी दिखाते हुए आनन-फानन में बैठक बुलाकर सरदार गुरशरण सिंह बब्बू को प्रधान चुन लिया। आरोप प्रत्यारोप से बचने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी को ये कार्य सौंपा गया। बब्बू इस कार्यकाल से पहले भी यहां के प्रधान पद पर रह चुके हैं। वर्तमान प्रधान समर्थित किसी सदस्य को इस कमेटी में शामिल नहीं किया गया।
नव नियुक्त प्रधान के धरे में शामिल सरदार प्रीतम सिंह ने बताया कि मॉडल टाउन में गुरु रामदास सिंह गुरुद्वारे में आमसभा की बैठक हुई। मूलमंत्र का पाठ हुआ। बैठक की अध्यक्षता पूर्व प्रधान सरदार इकबाल सिंह ने की। सभा का कार्यकाल खत्म होने के कारण नए पदाधिकारियों के चुनाव पर विचार किया गया। संगत से सहमति मांगी गई। नए मुख्य सेवादार की नियुक्ति के लिए पांच सदस्यों की कमेटी नियुक्त करने की संगत ने सहमति दी। कमेटी में सरदार इकबाल सिंह, प्रीतम सिंह, रणजीत सिंह, हरचरण सिंह व जोगेंदर सिंह को शामिल किया गया। पांच सदस्यों की इस कमेटी ने सर्वसम्मति से सरदार गुरशरण ङ्क्षसह बब्बू (पाल ट्रेवल) वालों को प्रधान चुन लिया। इसके बाद दरबार हाल में पांच सदस्यीय कमेटी को सिरोपा भेंट किया गया। मुख्यग्रंथी ने अरदास की। प्रधान गुरशरण बब्बू को भी सिरोपा भेंट किया।
बिना अनुमति के हुई बैठक
गुरु रामदास सिंह सभा के मुख्य सेवादार (प्रधान) मोहनजीत सिंह ने कहा कि बिना किसी अनुमति के यह बैठक हुई है। कोई नोटिस दिए बिना ही प्रधान चुन लिया गया। इस गुट ने पहले रजिस्ट्रार को शिकायत दी हुई है, जो कागजात मांगे जा रहे हैं वह हम दे रहे हैं। 14 दिन का नोटिस भी नहीं दिया गया। बाहरी लोगों को मीटिंग में लेकर यह चुनाव कर दिया गया। 30-40 लोगों ने अवैध कब्जा करने का प्रयास किया है। इसे सफल नहीं होने देंगे। हमें धमकी भी मिल रही है। इस धक्केशाही के खिलाफ हम बृहस्पतिवार को डीसी, एसपी और रजिस्ट्रार सोसाइटी से मिलेंगे। गुरुद्वारा सभा के 485 सदस्य है। 30-40 लोगों में बाहर के लोगों को साथ लेकर कराए चुनाव वैध कैसे हो सकता है। हमारी बॉडी अभी कायम है। यह अवैध तरीका उद्यमी प्रीतम सचदेवा, इकबाल सिंह, रणजीत सिंह व उपकार सिंह अपना रहे हैं।
पांच बड़े सवाल
-सर्वसम्मति से चुनाव हुए तो सभी संगतों की आम सभा क्यों नहीं हुई।
-वर्तमान पदाधिकारी को क्यों सूचित नहीं किया गया
-रजिस्ट्रार के यहां मामले के शिकायत चल रही है फिर जल्दबाजी दिखा कर चुनाव कराने का मकसद क्या है।
-कोरोना महामारी के दौरान चुनाव की जल्दी क्यों?
-मुख्य सेवादार मोहनजीत सिंह क्यों आरोप लगा रहे?