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कंडेला खाप की प्रधानी पर फिर विवाद, एक पक्ष ने ओमप्रकाश को दोबारा बनाया प्रधान, दूसरे पक्ष ने किया इन्कार

जींद में कंडेला खाप की पंचायत। खाप के दो पूर्व प्रधानों सहित गांव के कुछ लाेगों का ओमप्रकाश को प्रधान मानने से इन्कार। खाप की प्रधानगी को लेकर फिर विवाद। ओमप्रकाश के नाम का ऐलान होते ही कुछ लोग नाराज होकर पंचायत से उठकर चले गए।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 07:17 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 07:17 PM (IST)
कंडेला खाप की प्रधानी पर फिर विवाद, एक पक्ष ने ओमप्रकाश को दोबारा बनाया प्रधान, दूसरे पक्ष ने किया इन्कार
ओमप्रकाश कंडेला ने सबका आभार जताते हुए कहा कि वह प्रधान पद की मर्यादा बनाए रखेंगे।

जागरण संवाददाता, जींद। कंडेला खाप का प्रधान बनाए जाने को लेकर रविवार को गांव में पंचायत हुई। इसमें ओमप्रकाश कंडेला को प्रधान चुना गया। लेकिन खाप के दो पूर्व प्रधानों सहित गांव के ही कुछ लाेगों ने ओमप्रकाश को प्रधान मानने से इन्कार कर दिया। बीती 11 मार्च को भी ओमप्रकाश को खाप का प्रधान चुना गया था, लेकिन तीन दिन बाद ही 14 मार्च को खाप के चबूतरे पर हुई पंचायत में उन्हें प्रधान मानने से इन्कार कर दिया था और प्रधान का पद खाली मान लिया था। अब फिर उन्हें प्रधान चुने जाने पर विवाद खड़ा हो गया है।

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रविवार को गांव की चौपाल में निवर्तमान सरपंच अजमेर वाल्मीकि की अध्यक्षता में हुई, जिसमें खाप का प्रधान बनाए जाने को लेकर चर्चा हुई। अध्यक्षता कर रहे अजमेर सरपंच ने कहा कि खाप के प्रधान का पद गैरराजनीतिक होगा और प्रधान को पद की मर्यादा को बनाए रखते हुए काम करना होगा। पंचायत में मौजूद लोगों ने ओमप्रकाश को सर्वजातीय कंडेला खाप का प्रधान बनाने का ऐलान किया। उनके नाम का ऐलान होते ही कुछ लोग नाराज होकर पंचायत से उठकर चले गए। वहीं, ओमप्रकाश कंडेला ने सबका आभार जताते हुए कहा कि वे प्रधान पद की मर्यादा बनाकर रखेंगे। खाप के सभी गांवों में युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को लेकर शिक्षा और खेल दोनों है जरूरी, को लेकर अभियान भी चलाएंगे। पंचायत में पूर्व सरपंच महाबीर व रणधीर, राजबीर नंबरदार, ब्लाक समिति सदस्य विकास, बलजीत सिंह, राज सिंह, गुड्डू, रतन सिंह, राजेश, ईश्वर, जगदीश वाल्मीकि, सुनील कंडेला आदि ग्रामीण मौजूद थे।

इन लोगों ने किया प्रधान मानने से इन्कार

वहीं, भाकियू प्रधान हजूरा सिंह, प्रताप सिंह व अन्य ग्रामीणों ने कहा कि गिनती के कुछ लोगों ने पूर्व योजना के तहत इकट्ठे होकर ओमप्रकाश को प्रधान चुना है, जो सही नहीं है। खाप में शामिल सभी गांवों के 36 बिरादरी के लोगों की मौजूदगी में प्रधान का चयन किया जाना चाहिए था। खाप के पूर्व प्रधान टेकराम कंडेला ने भी कहा कि उन्हें पंचायत की कोई जानकारी नहीं थी और ओमप्रकाश को प्रधान मानने से इंकार कर दिया।

कुछ लोगों ने अपनी मर्जी से प्रधान बनाया

कंडेला खाप के पूर्व प्रधान टेकराम कंडेला ने कहा कि उन्होंने 14 मार्च को खाप के चबूतरे पर अपना इस्तीफा सौंप दिया था। तब पंचायत ने इस्तीफा मंजूर न करके खाप प्रधान बने रहने का आग्रह किया था। लेकिन वह दोबारा प्रधान बनने के इच्छुक नहीं हैं। रविवार को ओमप्रकाश को प्रधान चुने जाने पर टेकराम कंडेला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुछ लोगों ने इकट्ठे होकर अपनी मर्जी से प्रधान बना दिया है। वह ओमप्रकाश को प्रधान नहीं मानते हैं। खाप के सभी गांवों और 36 बिरादरी के लोग शामिल नहीं थे। उन्हें भी इस पंचायत के बारे में पता नहीं था।

टेकराम बोले: किसान आंदोलन के बाद लेंगे फैसला

टेकराम ने कहा कि अभी वह किसान आंदोलन में व्यस्त हैं। किसान आंदोलन खत्म होने के बाद खाप के प्रधान पर सभी गांवों की मीटिंग में कोई फैसला लिया जाएगा। टेकराम ने कहा कि सत्ता पक्ष व विपक्ष के कुछ लोग कंडेला खाप को कमजोर करना चाहते हैं, लेकिन उनके मंसूबे पूरे नहीं होने दिए जाएंगे। टेकराम के साथ मौजूद हजूरा सिंह, प्रताप सिंह, राजपाल नंबरदार, अभेराम पंच, हवा सिंह, रामनिवास, हरकेश पंच ने भी ओमप्रकाश को प्रधान मानने से इन्कार कर दिया।

टेकराम को प्रधान मानने की बात कह निकले ग्रामीण

पंचायत में जब ओमप्रकाश को प्रधान बनाने की बात कही तो कुछ लोगों ने कहा कि वे टेकराम कंडेला को ही खाप का प्रधान मानते हैं। गांव के हजूरा सिंह, हरकेश पंच, अभेराम पंच, धर्मपाल अन्य लोगों ने कहा कि पंचायत में 36 बिरादरी और खाप के सभी गांवों के लोग शामिल नहीं हैं। ये सभी लोग टेकराम को ही प्रधान मानने की बात कहकर पंचायत से उठकर निकल लिए। इससे माहौल में गर्मी भी आ गई। इन लोगों ने यह भी कहा कि ओमप्रकाश को चौपाल में प्रधान चुनने के बजाय पड़ोस की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगाई, जो पंचायत का अपमान है। इसके बाद पंचायत में बाकी बचे लोगों ने ओमप्रकाश कंडेला को ही दोबारा खाप प्रधान नियुक्त कर दिया।

इसलिए अहम है खाप प्रधान का पद

कंडेला खाप में 28 गांव आते थे। कुछ साल पहले खाप के 14 गांवों के लोगों ने अलग माजरा खाप बना ली थी। हालांकि टेकराम कंडेला खुद को 28 गांवों की कंडेला खाप का प्रधान मानते थे और माजरा खाप का अस्तित्व ही नहीं मानते थे। विधानसभा चुनाव में इन गांवों का काफी अहम रोल रहता है। कंडेला खाप के गांव एकजुट होकर एक प्रत्याशी की तरफ हो जाएं तो चुनाव में पासा पलटा जा सकता है। हालांकि आज तक कंडेला खाप का कोई नेता विधानसभा नहीं पहुंच सका है।

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