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उजाले के लिए फैला रहे भ्रष्टाचार की कालिख, स्ट्रीट लाइटों की बटन पर सत्ता पक्ष का हाथ

एलईडी स्ट्रीट लाइटों के वितरण में फर्जीवाड़ा सामने आया है। 49 लाख रुपये की लाइटों को ठेकेदार ने अपनी मनमर्जी से लगाया। एक वार्ड में 250-300 लाइट लगा दी गई, जबकि सौ लाइट लगनी थी।

By Ravi DhawanEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 06:10 PM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 12:05 PM (IST)
उजाले के लिए फैला रहे भ्रष्टाचार की कालिख, स्ट्रीट लाइटों की बटन पर सत्ता पक्ष का हाथ
उजाले के लिए फैला रहे भ्रष्टाचार की कालिख, स्ट्रीट लाइटों की बटन पर सत्ता पक्ष का हाथ

पानीपत [जगमहेंद्र सरोहा]। नगर निगम में एलईडी स्ट्रीट लाइटों का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। ठेकेदार ने 49 लाख की लाइटों को अपनी मनमर्जी से लगा दिया। किसी वार्ड में एक भी लाइट नहीं तो किसी में ढाई सौ से तीन सौ तक लगा दी। नव निर्वाचित पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड में स्ट्रीट लाइटों की मांग उठाई तो मामले की परतें उधडऩे लगीं। वहीं, जब ठेकेदार से शहर में स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था के बारे में सवाल किया गया तो उसने दावा किया कि अधिकतर लाइटें लगा दी गई हैं। दूसरी ओर, अधिकारी ठेकेदार पर ठीकरा फोड़कर बचने की राह तलाशते दिखे। ऐसे में अधिकारियों और ठेकेदार के इस खेल से शहर अंधेरे में डूबा हुआ है। 

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गौरतलब है कि नगर निगम ने अक्टूबर 2018 में 49 लाख की स्ट्रीट लाइटों के टेंडर लगाए थे। जागलान इलेक्ट्रिक वर्क्स को टेंडर मिला था। कंपनी ने शहर में स्ट्रीट लाइट लगानी शुरू की। इसी बीच, चुनाव आचार संहिता लग गई, जिसके चलते काम रुक गया था। 

पार्षदों ने उठाई मांग तो खुलने लगीं परतें
नव निर्वाचित पार्षदों ने स्ट्रीट लाइट लगवाने की अधिकारियों के सामने मांग रखी तो मामले की परतें खुलती चली गईं। वार्ड-14 की पार्षद शकुंतला गर्ग ने बताया कि वार्ड में स्ट्रीट लाइटों की मांग रखी थी। इस पर अधिकारियों ने कहा कि आपके वार्ड में तो स्ट्रीट लाइटें लगी हुई हैं। इस पर पार्षद ने अधिकारियों और ठेकेदार से नई स्ट्रीट लाइट दिखाने की मांग की तो टालमटोल करते नजर आए। 

हर वार्ड में 100-100 स्ट्रीट लाइट 
नगर निगम ने पुरानी वार्डबंदी के अनुसार एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने का टेंडर निकाला था। वार्ड-1 से 13 तक 1300 और 14 से 24 तक 1300 लाइटें लगाई जानी थी। इसके तहत हर वार्ड में 100-100 एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाना जरूरी था। 

जानिए, क्या कहते हैं जिम्मेदार
 बलदेव, लाइट इंस्पेक्टर, नगर निगम 

  • सवाल : शहर में स्ट्रीट लाइट लगाने की क्या व्यवस्था की गई है? कितने का टेंडर लगाया है?
  • जवाब : मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। टेंडर लगाना इंजीनियरिंग विंग का काम है। 
  • सवाल : ठेकेदार ने शहर में कहां-कहां कितनी लाइटें लगाई हैं? 
  • जवाब : ठेकेदार ने अपनी मर्जी से लाइटें लगाई हैं। मुझे इनकी कोई जानकारी नहीं है। 

अधिकतर एलइडी स्ट्रीट लाइट लगा दी 
विजय कुमार, संचालक जागलान इलेक्ट्रिक वर्क्स। 

  • सवाल : आपकी फर्म को 49 लाख की एलइडी स्ट्रीट लाइटों का टेंडर जारी किया था, कितनी लग पाई हैं। 
  • जवाब : शहर में 1800-2000 तक स्ट्रीट लाइटें लगाई हैं। 
  • सवाल : प्रत्येक वार्ड में कितनी-कितनी स्ट्रीट लाइट लगानी थी? 
  • जवाब : टेंडर में ऐसी कोई शर्त नहीं थी। अपने स्तर 100-100 स्ट्रीट लाइट लगाना तय किया था।
  • सवाल : आरोप है कि किसी वार्ड में 100-100 स्ट्रीट लाइट भी नहीं लग पाई हैं।
  • जवाब : इन वार्डों में जल्द ही स्ट्रीट लाइटों को पूरा कर दिया जाएगा।

 डॉ. प्रियंका सोनी, कमिश्नर, नगर निगम

  • सवाल : एलईडी स्ट्रीट लाइटों में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। 
  • जवाब : हां, मेरी जानकारी में ऐसा मामला है। 
  • सवाल : आपने इसमें क्या किया है?
  • जवाब : मैंने संबंधित फर्म या कंपनी की पेमेंट रोकने के आदेश दिए हैं। 
  • सवाल : अब आप इसमें आगे क्या करेंगी? 
  • जवाब : तकनीकी अधिकारियों से इसकी जांच कराई जाएगी और पार्षदों से सर्टिफिकेट लेकर ही पेमेंट की जाएगी। 
  • सवाल : कंपनी ऐसा नहीं करती है तो निगम क्या करेगा? 
  • जवाब : कंपनी या फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।

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