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स्वामित्व को लेकर असमंजस खत्म, यमुनानगर के 495 दुकानदारों को जल्द मिलेगा लाभ

यमुनानगर नगर निगम की दुकानों व मकानों पर लीज पर रहने वाले उन तमाम लोगों को मालिकाना हक मिलेगा। 31 दिसंबर 2020 को 20 साल पूरे होने की अवधि मानी जाएगी। यानी उनकी लीज एक जनवरी 2000 से पहले की होनी चाहिए।

By Naveen DalalEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 06:30 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 06:30 PM (IST)
स्वामित्व को लेकर असमंजस खत्म, यमुनानगर के 495 दुकानदारों को जल्द मिलेगा लाभ
जून 2021 में हुआ था योजना का शुभारंभ।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना का लाभ अब दुकानदारों को जल्दी मिलेगा। अब तक 20 साल से मालिकाना हक को लेकर पेंच फंसा हुआ था। अब शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से नगर निगम को भेजे मार्गदर्शन में स्पष्ट किया है कि 20 वर्ष तक मालिक बेशक कितने भी क्यों न बदल गए हों, वह योजना के दायरे में है। बशर्ते इस अवधि में नगर निगम को दुकान वापस न की गई हो। बता दें कि अब तक 495 दुकानदार आवेदन कर चुके हैं, लेकिन 20 वर्ष के मालिकाना हक पर सामने आई उलझन को दूर करने के लिए सरकार से मार्गदर्शन मांगा था। जिसके चलते यह प्रक्रिया रुकी हुई हुई थी। 

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31 दिसंबर 2020 को 20 साल पूरे होने की अवधि मान्य 

नगर निगम की दुकानों व मकानों पर लीज पर रहने वाले उन तमाम लोगों को मालिकाना हक मिलेगा, जो कम से कम 20 साल से इस प्रापर्टी पर काबिज हैं। 31 दिसंबर 2020 को 20 साल पूरे होने की अवधि मानी जाएगी। यानी उनकी लीज एक जनवरी 2000 से पहले की होनी चाहिए। जो व्यक्ति 50 साल से ऐसी प्रापर्टी पर काबिज है, उसे रजिस्ट्री कराते समय कलेक्टर रेट पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। 40 साल से काबिज व्यक्ति को 40 फीसद, 30 साल से काबिज लोगों को 30 फीसद और 20 साल से काबिज व्यक्तियों को 20 फीसद छूट कलेक्टर रेट में मिलेगी। यदि कोई व्यक्ति 100 साल से काबिज हैं, उसे भी अधिकतम 50 फीसद की छूट मिलेगी।

जून-2021 में शुरू हुई थी योजना 

दरअसल, जून 2021 में योजना का शुभारंभ हुआ था। शुरुआती दौर में दुकानदार नियमों उलझे रहे। दस्तावेज पूरे न होने के कारण आवेदन नहीं कर पाए। उसके बाद निगम की ओर से हेल्प डेस्क बनाया गया। आवदेन करने वाले दुकानदारों की संख्या बढ़ी। 495 दुकानदारों ने आवेदन किए। यमुनानगर व जगाधरी के विभिन्न बाजारों से योजना के दायरे में 1545 दुकानदार आते हैं। निगम अधिकारियों का कहना है कि योजना के तहत आवेदन करने वालों की संख्या में अब बढ़ोतरी होगी। क्योंकि नियमों को लेकर जो उलझन थी, वह दूर हो गई है। 

यहां दुकानों की संख्या अधिक

शहर की मीरा बाई मार्केट, वर्कशाप रोड, शिवाजी मार्केट, रामपुरा, इंदिरा मार्केट, जवाहर मार्केट, यमुनानगर अनाजमंडी व सब्जी मंडी कन्हैया चौक के नजदीक निगम की दुकानें हैं। यदि अब आवेदन करते हैं तो अावेदन पत्र के साथ निगम द्वारा जारी आबंटन पत्र, संपत्ति स्थानांतरण पत्र, वास्तविक आबंटी या उप किराएदारी का समझौता पत्र, संबंधित संपत्ति को प्रमाणित करने वाला निगम का रिकार्ड, किराए की रसीद, बिजली या पानी कनेक्शन की प्रतिलिपि, संबंधित संपत्ति का सेल टैक्स, वेट, जीएसटी में से एक का संबंधित रजिस्ट्रेशन नंबर, परिवार पहचान पत्र, आयकर रिर्टन या फायर एनओसी की प्रतिलिपि में से एक लगाना होगा। 

अधिकारियों के अनुसार

मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना को लेकर सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया था। 20 वर्ष से मालिकाना हक को लेकर जो उलझन थी, वह अब दूर हो गई है। यह योजना पूरी तरह दुकानदारों के हित में है। जिन दुकानदारों ने आवदेन किया हुआ है, उनको जल्दी ही योजना का लाभ मिलेगा।  दुकानदारों की सुविधा के लिए निगम कार्यालय में हेल्प डेस्क भी बनाया हुआ है। हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक दुकानदार योजना का लाभ उठाएं।

----अशोक कुमार, डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर, नगर निगम।


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