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हरियाणा पुलिस में दलित अफसरों की अनदेखी पर आयोग ¨चतित

हरियाणा पुलिस में दलित अफसरों की अनदेखी पर आयोग ¨चतित।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 02:49 PM (IST)Updated: Sun, 22 Apr 2018 02:49 PM (IST)
हरियाणा पुलिस में दलित अफसरों की अनदेखी पर आयोग ¨चतित
हरियाणा पुलिस में दलित अफसरों की अनदेखी पर आयोग ¨चतित

दीपक बहल, अंबाला

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हरियाणा पुलिस में आरक्षण के बावजूद अनुसूचित जाति की भागीदारी ना के बराबर है। राज्य पुलिस के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 10 जिले ऐसे हैं जहां किसी भी थाने में अनुसूचित जाति के अफसर को कमान नहीं है। इतना ही नहीं, डीआइजी-आइजी व पुलिस कमिश्नर जैसे महत्वपूर्ण पदों से भी इन अफसरों को दूर रखा गया है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने इस पर चिंता जताई है। आयोग के चेयरमैन ने राजकुमार चानना ने प्रदेश के सभी एसपी को मेल कर 23 अप्रैल तक इन अफसरों का ब्योरा मांगा है। इसके तहत पिछले दो साल में अनुसूचित जाति के कितने अधिकारियों को थाने की कमान दी गई या इससे ऊपर लगाया गया, इसकी जानकारी विस्तार से देने को कहा गया है।

सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में करीब 310 थाने हैं। इनमें से 30 थानों की कमान अनुसूचित जाति के अफसरों के पास है। चौंकाने वाली बात ये है कि प्रदेश के हांसी, चरखी-दादरी, फतेहाबाद, कैथल, झज्जर, सोनीपत, भिवानी, मेवात, नारनौल व जीआरपी में एक भी एसएचओ अनुसूचित जाति का नहीं है। इसी प्रकार प्रदेश में 219 डीएसपी हैं जिनमें से 126 फील्ड में हैं। इनमें भी अनुसूचित जाति के महज 13 अफसरों की ही फील्ड में जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश में 70 एसपी और डीसीपी में से 30 फील्ड में हैं। इनमें अनुसूचित जाति के महज तीन अफसरों को ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी हुई है। आयोग ने एससी एंड एसटी एक्ट (पीओए) रूल्स 1995 एवं संशोधित नियम 2016 का हवाला भी अपनी चिट्ठी में दिया है। पिछले दो साल की पो¨स्टग का अफसरों का ब्योरा मांगा गया है। एसएचओ की संख्या, नाम, पो¨स्टग, श्रेणी सामान्य अथवा अनुसूचित आदि ब्योरा मांगा है। ब्योरा नहीं मिलने पर अफसरों को दी चेतावनी

आयोग ने अपनी ई-मेल में चेताया है कि अगर मांगा गया ब्योरा निश्चित तिथि तक नहीं दिया गया तो उन्हें तलब किया जा सकता है। सभी अफसरों को 23 अप्रैल तक ई-मेल के माध्यम से ही यह ब्योरा आयोग को देना है। यह भी पूछा गया है कि अनुसूचित जाति के अफसरों के कितने पद स्वीकृत हैं और कितने खाली पड़े हैं। डीजीपी के मांगने पर भेजा गया था ब्योरा

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक बीएस संधू ने भी हाल में ही प्रदेश के सभी जिलों से थाना प्रभारियों की जाति और अन्य जानकारियों का ब्योरा मांगा था। मार्च के आखिरी सप्ताह तक सभी एसपी ने अपने अपने जिलों का ब्योरा डीजीपी को भेज दिया है। इसमें स्पष्ट हो चुका है कि प्रदेश में कई जिलों में अनुसूचित जाति के अफसरों को जिम्मेदारी से दूर रखा है।

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पत्र लिखा गया है : आयोग

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन राजकुमार चानना ने पुष्टि करते हुए बताया कि प्रदेश के सभी एसपी को पत्र लिखा गया है। उन्होंने कहा कि अफसरों की तैनाती में सभी वर्गो को समान अवसर दिए जाने चाहिए। ऐसा ना हो कि एक ही जाति के लोगों को सबसे अधिक जिम्मेदारी वाले पद पर लगा दिया जाए। जवाब आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।


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