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Weather Update: पानीपत सहित आसपास के जिलों में बूंदाबांदी से ठिठुरन बढ़ी, जानिए 6 जनवरी को कैसा रहेगा मौसम

हरियाणा के पानीपत सहित कई जिलों में मौसम ने अचानक रुख बदला। देर रात से बूंदाबांदी शुरू हो गई। इससे ठंड बढ़ गई। वहीं मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अभी ये सिलसिला जारी रहेगा और कल भी बारिश होगी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 10:43 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 10:43 AM (IST)
Weather Update: पानीपत सहित आसपास के जिलों में बूंदाबांदी से ठिठुरन बढ़ी, जानिए 6 जनवरी को कैसा रहेगा मौसम
पानीपत में देर रात से बूंदबांदी शुरू हो गई।

पानीपत, जेएनएन। देर रात को तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई। मंगलवार सुबह तक बूंदाबांदी चलती रही। हवा और बूंदाबांदी से एक साथ ठिठुरन बढ़ गई। सुबह के समय दैनिक कार्य को जाने वाले लोग भी देरी से निकल पाए।

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कई दिन की तेज धुंध के बाद पिछले दो दिन से बूंदाबांदी आने से कुछ राहत मिली थी। सोमवार को दिनभर धूप खिली रही। इससे अधिकतम तापमान एकाएक बढ़ गया था। लोगों ने ठंड से कुछ राहत ली थी। सोमवार देर रात को तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई। यह रातभर चलती रही।

वहीं कुरुक्षेत्र में भी बूंदबांदी जारी रही। मंगलवार सुबह भी बूंदाबांदी चलती रही। मंगलवार को अधिकतम तापमान 22 और न्यूनतम तापमान 14 दर्ज किया गया।

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कैथल में रातभर हुई बरसात

सोमवार शाम के समय हुई बरसात के बाद मंगलवार सुबह पांच बजे फिर बरसात शुरू हो गई। जो तड़के सात बजे तक जारी रही। बरसात के बाद न्यूनतम तापमान में फिर गिरावट आई है। इस बरसात से जहां सुबह के समय पड़ने वाली धुंध छंटी है। वहीं, इससे गेहूं की फसल को भी कोई नुकसान नहीं है। जबकि सब्जियों की फसल को नुकसान हो सकता है। सोमवार को न्यूनतम तापमान 11 डिग्री रहा था, जो मंगलवार सुबह के समय नौ डिग्री दर्ज किया गया है। जिले में कुल बरसात तीन एमएम दर्ज की गई। सोमवार को दिन में तो अधिकतम तापमान सबसे अधिक 21 डिग्री दर्ज किया गया था। मौसम विभाग के अनुसार अभी अगले दो दिन तक लगातार बरसात होने की संभावना बनी है। बरसात के बंद होने के बाद मौसम में फिर से गहरी धुंध छाएगी।

अधिक बरसात हुई सब्जियाें को होगा नुकसान

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानित डा. रमेश चंद वर्मा ने बताया कि इस बरसात से गेहूं को सरसों की फसल को कोई नुकसान नहीं है। जबकि सब्जियों में आलू और टमाटर की फसल को नुकसान हो सकता है। वर्मा ने बताया कि इस समय आलू की फसल पककर तैयार हो जाती है। जिसे इस समय उगाए गए आलू की फसल को निकालने का कार्य किया जाता है। जिस कारण अधिक बरसात होने से इसका अधिक नुकसान होने की संभावना है। किसानों से आग्रह है कि वह सिंचाई करने से पहले कृषि वैज्ञानिक की सलाह लें। ऐसा करने से वह नुकसान से बच सकेंगे।

करनाल में बरसात से मानसून जैसा आभास

क्षेत्र में दो दिन से रुक-रुककर हो रही बरसात से जनवरी माह में मानसून जैसी आभास करा दिया है। बरसात सोमवार रात से ही हो रही है, हालांकि बूंदाबांदी है, लेकिन यह सिलसिला लगातार जारी है। बरसात से हालात ऐसे हो रहे हैं कि जैसे मानसून की झड़ी लगी हो। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 4-5 जनवरी को व्यापक रूप से बरसात देखने को मिली है। अनुमान है कि पर्वतीय क्षेत्रों में भी 8 जनवरी तक कई जगहों पर मध्यम से भारी बारिश और बर्फबारी देखने को मिल सकती है। कुछ भागों में दिन का तापमान सामान्य से नीचे रह सकता है। मैदानी इलाकों में सप्ताह के आखिर में

शीतलहर की वापसी हो सकती है जब न्यूनतम

तापमान औसत से नीचे चला जाएगा।

बरसात से न्यूनतम तापमान में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 15.0 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। वहीं अधिकतम तापमान में भी बढ़ोतरी के साथ 23.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा 3.2 किलोमीटर प्रतिघंटा की औसत रफ्तार से चली। सुबह के समय नमी की मात्रा 100 फीसदी दर्ज की गई। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में बादल छाए रह सकते हैं।

अब धुंध का सामना करने के लिए रहें तैयार

मौसम विभाग की मानें तो बुधवार को भी बादल छाये रह सकते हैं। क्षेत्र में गहरी धुंध छा सकती है, जिसका जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। धुंध गिरने का यह सिलसिला आठ जनवरी तक जारी रहने की संभावना जताई गई है। हालांकि इसका फसलों पर तो ज्यादा प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा, जनजीवन पर जरूर पड़ेगा। धुंध से सारी गतिविधियां ठहर सी जाती हैं। सड़क व रेल मार्ग दोनों पर खासा प्रभाव पड़ता है।

जींद में रुक-रुक हो रही बारिश, जुलाना में सबसे ज्यादा 15 एमएम बारिश

नए साल के पहले सप्ताह में नियमित अंतराल पर बारिश हो रही है। सोमवार दोपहर बाद से मंगलवार सुबह 10 बजे तक जुलाना में सबसे ज्यादा 15 एमएम बारिश हुई। वहीं पिल्लूखेड़ा और सफीदों में 10 एमएम, अलेवा में सात, उचाना में छह और नरवाना में पांच एमएम बारिश हुई। रातभर तेज हवा चली। जिससे तापमान में बढ़ोतरी के बावजूद ठंड से राहत नहीं मिली। अधिकतम तापमान 19 और न्यूनतम 14 डिग्री रहा। बारिश फसलों के लिए काफी फायदेमंद है। किसानों को अब गेहूं व सरसों की फसल में जल्दी सिंचाई नहीं करनी पड़ेगी। जिससे उनकी फसल पर लागत घटेगी और फसल में बढ़वार भी अच्छी होगी। जिले में 2.17 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल है। अगर मौसम इसी तरह अनुकूल रहता है, तो गेहूं का उत्पादन भी ज्यादा होगा। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. यशपाल मलिक ने किसानों को सलाह दी है कि फसलों की संभाल करते रहें। अगर ज्यादा बारिश होती है, तो निकासी की भी व्यवस्था करें, ताकि फसल खराब ना हो। अगले कुछ दिन अब फसल में सिंचाई की भी जरूरत नहीं है। मौसम साफ होने पर ही खरपतवारनाशक दवा का स्प्रे करें और जरूरत के अनुसार यूरिया खाद डालें। लेकिन लगातार रुक-रुक हो रही बारिश से आम जनजीवन पर असर पड़ा है। लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। जिससे उनके रूटिन के काम प्रभावित हो रहे हैं। आज शाम तक रुक-रुक बारिश होने की संभावना है। उसके बाद बुधवार से तापमान गिरेगा। जिससे ठंड बढ़ेगी। साथ ही सुबह के समय धुंध भी छा सकती है।

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