Move to Jagran APP

सीएम मनोहर लाल के निर्देशों के बावजूद, डाइंग उद्योगों को नहीं मिला सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का साफ पानी

सीएम मनोहर लाल के निर्देशों के बाद भी पानीपत में डाइंग उद्योगों को चार सालों बाद भी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का साफ पानी नहीं मिल पाया है। ट्रीट किया साफ पानी मिल जाने से उद्योगों में जल का दोहन नहीं होगा।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 08 Jan 2022 08:38 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jan 2022 08:38 PM (IST)
सीएम मनोहर लाल के निर्देशों के बावजूद, डाइंग उद्योगों को नहीं मिला सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का साफ पानी
पानीपत में ड्रेन में छोडा जा रहा पानी।

पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत के सिवाह स्थित सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का साफ पानी डाइंग उद्योगों को कब मिलेगा, इसका इंतजार डाइंग उद्योगों को है। चार साल से यह प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल सिवाह एसटीपी का निरीक्षण करने के बाद उद्योगों को पानी देने के निर्देश दे चुके हैं। उसके बाद भी लाखों रुपये खर्च कर साफ होने वाले पानी को ड्रेन में छोड़ा जा रहा है। प्रोजेक्ट के लिए 21.48 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल पहले ही मिल चुकी है। निदेशालय के अधिकारी इस प्रोजेक्ट पर अधीनस्थों से चर्चा कर चुके हैं।लेकिन धरातल पर अभी कुछ नहीं हो पा रहा है। पानी देने के लिए पाइप बिछाने का काम भी नहीं हुआ है।

loksabha election banner

ट्रीट किया साफ पानी मिल जाने से उद्योगों में जल का दोहन नहीं होगा। भूजल जहरीला होने से बचेगा। दैनिक जागरण ने जल जहर अभियान चलाकर जून 2019 में सरकार और पानीपत प्रशासन के संज्ञान में यह मामला लाया था। जीटी रोड पर बसे पानीपत शहर में 12000 से अधिक उद्योग लगे हैं। डाइंग उद्योग में सबसे ज्यादा पानी की खपत होती है। फैक्ट्रियों के संचालक उपयोग करने के बाद केमिकलयुक्त रंगीन पानी जमीन में छोड़ देते हैं। इससे भूजल को दूषित होने से बचाने के लिए सरकार ने सिवाह गांव में 25 और 35 एमएलडी के दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगा रखे हैं। इन प्लांटों से ट्रीट किया साफ पानी उद्योगों को उपलब्ध कराया जाना है।

पूर्व डीसी ने लिखा था पत्र

पूर्व डीसी सुमेधा कटारिया ने जुलाई 2019 में कृषि और जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी को पत्र लिखकर इस योजना के बारे में प्रशासनिक अनुमति मांगी थी। उद्योगों के लिए जल उपलब्ध कराने पर 21.48 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी। 350 से अधिक डाइंग उद्योगों एसटीपी का ट्रीट किया पानी दिया जाएगा।

उद्योगों को चाहिए 30 एमएलडी पानी

सिवाह एसटीपी में साफ होने वाला पानी गंदे नाले में डाला जाता है जो यमुना नदी में जाकर मिल जाता है। रंगाई उद्योगों को प्रतिदिन 30 एमएलडी पानी की जरूरत है। साफ पानी का उपयोग हो सकेगा।

पानीपत सिंचाई विभाग के एक्सईएन संजय शर्मा ने बताया कि सिवाह एसटीपी से ट्रीट पानी डाइंग उद्योग को उपलब्ध कराया जाना है। इस बारे में अधिकारी स्तर पर बैठक हो रही है। जल्दी ही पानी मिलेगा। कैसा माड्यूल होगा इस पर विचार मंथन चल रहा है। कब तक पानी मिलेगा इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।

पानी का इंतजार है : राणा

पानीपत डायर्स एसोसिएशन को पानी की इंतजार है। हम चार साल पहले अपना प्रस्ताव दे चुके हैं। मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया गया है। सिंचाई विभाग को पानी की आपूर्ति देनी है। इस पर खर्च भी बहुत कम आना है। समझ नहीं आ रहा है इस प्रोजेक्ट में इतनी अधिक देरी क्यों की जा रही है। साफ पानी को नाले में बहाया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.