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ट्रांसपोर्ट नगर में सीएम फ्लाइंग ने की छापेमारी, दो दलाल पकड़े

जागरण संवाददाता पानीपत सेक्टर 25 स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में आरटीए कार्यालय के दलालों का भं

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 08:29 AM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 08:29 AM (IST)
ट्रांसपोर्ट नगर में सीएम फ्लाइंग ने की छापेमारी, दो दलाल पकड़े
ट्रांसपोर्ट नगर में सीएम फ्लाइंग ने की छापेमारी, दो दलाल पकड़े

जागरण संवाददाता, पानीपत : सेक्टर 25 स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में आरटीए कार्यालय के दलालों का भंडाफोड़ करने के बाद बुधवार को सीएम फ्लाइंग टीम ने छापेमारी की। ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार अनिल कौशिक के नेतृत्व में टीम ने दो दुकानों में छापेमारी कर दलाल मनोज वर्मा और युजविद्र को आरटीए कार्यालय और एसबीआइ की मोहर समेत काबू किया। थाना चांदनी बाग पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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सीएम फ्लाइंग करनाल के इंचार्ज शीशपाल ने बताया कि टीम को ट्रांसपोर्ट नगर की दो दुकानों में दलाली लेकर ट्रांसपोर्टरों के दस्तावेज बनाने की शिकायत मिली थी। जिसके आधार पर विशेष टीम का गठन कर छापेमारी की गई। दलाल युजवेंद्र निवासी सेक्टर 18 की दुकान से आरटीए कार्यालय की दो और मनोज की दुकान से एसबीआइ की एक मोहर बरामद हुई। वहीं कई वाहनों के रजिस्ट्रेशन, परमिट, ड्राइविग लाइसेंस आदि बरामद हुए है। वीरवार को पुलिस दोनों आरोपितों को अदालत में पेश करेगी।

दलाल इस तरह कर रहे है लाखों की कमाई

ट्रांसपोर्ट नगर में लगभग 20 दलालों ने अड्डा बना रखा है। ये लोग ट्रांसपोर्टरों की फाइल तैयार करने की आड़ में रोजाना हजारों रुपये की कमाई कर रहे है। हर काम की एवज में कम से कम 500 रुपये कमीशन फिक्स है। ये लोग कुछ इस तरह ट्रांसपोर्टरों और वाहन मालिकों को लूटते हैं। काम सरकारी दाम कमीश्न

आरसी वाहन मुताबिक 5-10 हजार

परमिट वाहन मुताबिक 1-2 हजार

टैक्स वाहन मुताबिक 500 रुपये

चालान भुगतान जुर्माने के मुताबिक 2-5 हजार

हैवी लाइसेंस ट्रेनिग समेत 15-20 हजार

हैवी लाइसेंस बिना ट्रेनिग 30-40 हजार दस्तावेजों की लिस्ट देख दातों तले दबी अंगुलियां

दस्तावेज युजवेंद्र मनोज

नई आरसी 19 73

नए लाइसेंस 0 7

मोहर 2 1

फिटनेस 47 0

परमिट 2 0

आरसी फाइल 0 17

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इनके अलावा आरोपित युजवेंद्र की दुकान से आरटीए कार्यालय का वाहन परमिट का एक रजिस्टर, वाहन परमिट के कोरे कागजात, गाड़ियों के पैसों का एक रजिस्टर, 67,500 रुपये की नकदी, हार्ड डिस्क मिली। वहीं मनोज की दुकान से एक लैपटॉप और 30,150 रुपये बरामद हुए। सवाल यह है कि कार्यालय का रजिस्टर दलाल की दुकान तक कैसे पहुंचा। वहीं रजिस्टर गुम होने पर भी क्या संबंधित अधिकारी ने आला अधिकारियों को सूचित किया? कहीं कर्मचारी दलालों से रजिस्टर में कुछ काम या मिलान तो नहीं करा रहा था।

सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर सामने आएगी सच्चाई

आरटीए कार्यालय के बाहर और अंदर सभी कमरों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। छापा मारने वाली टीम लगभग एक माह की सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालती है, तो आरोपितों के साथियों की भी आसानी से धरपकड़ कर सकती है।

टीम में ये अधिकारी रहे शामिल

सीएम फ्लाइंग की टीम में ड्यूटी मजिस्ट्रेट के अलावा एसआइ शीशपाल, एसआइ राममेहर, एएसआइ जोगेंद्र, एएसआइ रणबीर, चरण सिंह और सेक्टर 11-12 चौकी पुलिस के जवान मौजूद रहे।

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कार्यालय में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णतया: निषेध है। ट्रांसपोर्टर अपने कामकाज कराने के लिए इन दलालों के पास जाते हैं। कार्यालय में किसी भी ट्रांसपोर्टर को कामकाज कराने में कोई परेशानी ना हो, इसका मैं खुद ध्यान रखता हूं।

शम्मी शर्मा, आरटीए सहायक सचिव।


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