झोलाछाप समर्थक विधायकों मच्छरौली और ढांडा ने सिविल सर्जन का मेवात तबादला कराया
विधायक महीपाल ढांडा और रवींद्र म'छरौली की नाराजगी सिविल सर्जन डॉ. संतलाल वर्मा को भारी पड़ गई।
जागरण संवाददाता, पानीपत : समालखा के गांव देहरा स्थित झोलाछाप के क्लीनिक में 20 जुलाई को की गई छापामारी, इसके बाद विधायक महीपाल ढांडा और रवींद्र मच्छरौली की नाराजगी सिविल सर्जन डॉ. संतलाल वर्मा को भारी पड़ गई। विधायकों और झोलाछाप के विरोध के कारण उनका तबादला मेवात कर दिया गया है। बता दें कि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की नाराजगी के कारण सिविल सर्जन का 19 मार्च को भी झज्जर ट्रांसफर कर दिया था। अप्रैल माह में उन्होंने दोबारा ज्वाइन किया था।
गौरतलब है कि गांव देहरा में रक्सेड़ा निवासी झोलाछाप मेहरबान क्लीनिक चलाता है। आरोप था कि क्लीनिक में महिलाओं का गर्भपात कराया जाता है। इसकी सूचना पर डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. मुनेश गोयल और डॉ. मनदीप ने 20 जुलाई को छापामारी की। झोलाछाप के पक्ष में समालखा के आजाद विधायक रवींद्र मच्छरौली के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। टीम से फाइल छीनकर फाड़ दी, मोबाइल फोन छीनकर फोटो और वीडियो डिलीट किए गए। भीड़ ने जब्त मेडिसिन भी वापस रखवा ली थी। पूरे प्रकरण में विधायक रवींद्र मच्छरौली नेतृत्व करते दिखे थे। पुलिस ने इस मामले में मेहरबान, सुरेश शर्मा और वीरेंद्र छौक्कर सहित 103 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। विधायक महीपाल ढांडा और रवींद्र मच्छरौली के नेतृत्व में सामाजिक चिकित्सा महासंघ के बैनर पर 500-600 झोलाछाप ने 23 जुलाई को धरना-प्रदर्शन करते हुए सिविल सर्जन के खिलाफ नारेबाजी और ट्रांसफर की मांग की थी। दोनों विधायक तब डीसी सुमेधा कटारिया से भी मिले थे। मच्छरौली ने सिविल सर्जन के तबादले की मांग करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मुलाकात की थी।
डॉ. संतलाल वर्मा ने तबादले की पुष्टि करते हुए कहा कि ट्रांसफर लेटर पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। अभी आदेश की कापी नहीं मिली है। पानीपत में कौन प्रभार संभालेगा, इसकी जानकारी नहीं है। पहले भी रहे सुर्खियों में :
डॉ.संतलाल ने पहली बार 12 जून 2017 को पानीपत का प्रभार संभाला था। जन सेवा दल को सिविल अस्पताल परिसर में स्थान देने से इन्कार करने, जिले का ¨लगानुपात जनवरी 2018 में 945 से घटकर 828 तक पहुंचने पर उन्हें संबंधित अधिकारियों की नाराजगी झेलनी पड़ी थी। फतेहपुरी चौक स्थित मेडिकल ब्यूरो नाम की दवा दुकान पर छापेमारी प्रकरण में शहर विधायक रोहिता रेवड़ी और उनके पति सुरेंद्र रेवड़ी डॉ. संतलाल के खिलाफ हो गए थे। 19 मार्च को सिविल सर्जन का तबादला झज्जर कर दिया गया। अप्रैल 2018 में पुन: पानीपत का प्रभार मिला था। ड्रग कंट्रोलर भी हुई राजनीति की शिकार :
पानीपत की ड्रग कंट्रोलर रही रितू ने 19 फरवरी को फतेहपुरी चौक स्थित मेडिकल ब्यूरो नाम की दवा दुकान पर छापामारी की थी। दवा व्यापारी नेता करतार ¨सह मक्कड़ के नेतृत्व में भीड़ ने छापामारी का विरोध किया था। इस प्रकरण में शहर विधायक रोहिता रेवड़ी और उनके पति सुरेंद्र रेवड़ी रितु के निलंबन की मांग करते हुए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिले थे, जबकि ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा ड्रग कंट्रोलर के समर्थन में खड़े थे। शहर में राजनीति होने पर स्वास्थ्य मंत्री ने फरवरी के अंत में रितू को सस्पेंड कर दिया था। इस केस में भी दवा व्यापारी और नेता सिविल सर्जन के खिलाफ थे। कपल केस का नहीं मिला लाभ :
प्रदेश सरकार हर विभाग में तबादले के दौरान कपल केस का लाभ देती है। डॉ. संतलाल का गृह जिला सिरसा है, करनाल में उन्होंने घर बनाया हुआ है। उनकी पत्नी भी करनाल में एसएमओ है। पहले और अब हुए तबादले में उन्हें कपल केस का लाभ नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय में पत्र व्यवहार किया जाएगा। वर्जन :
मैं मुख्यमंत्री से मिलकर सिविल सर्जन का तबादला कराकर आया हूं। चिकित्सा-स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभी हमारे पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। झोलाछाप ही ग्रामीण क्षेत्र में सहारा हैं। कोई अधिकारी इनके साथ गलत करेगा तो उसको जिले में रहने नहीं दिया जाएगा। अब इनको पंजीकृत करने की मांग भी उठाएंगे।
रवींद्र मच्छरौली, विधायक-समालखा --
मैंने सिविल सर्जन के तबादले की मांग नहीं की। मैं झोलाछाप के समर्थन में जरूर खड़ा हुआ था। मेरी मांग है कि जो लोग अनुभव के आधार पर दूर-दराज क्षेत्र में गरीबों का इलाज कर रहे हैं, छापामारी कर उन्हें परेशान नहीं किया जाए। झोलाछाप कुछ ज्यादा गलत कर रहा है तो उसे बख्शा न जाए।
महीपाल ढांडा, पानीपत ग्रामीण विधायक कोई गलत काम होगा तो स्वास्थ्य विभाग अपनी ड्यूटी तो निभाएगा ही। क्लीनिक पर गर्भपात करने की सूचना मिली थी। उसी आधार पर छापा मार गया। गांव वालों ने विरोध कर दिया। तबादला करना सरकार का अधिकार है।
डॉ.संतलाल वर्मा, सिविल सर्जन, पानीपत।