सिविल अस्पताल में सांस, खांसी-जुकाम के 200, आंखों में जलन के 40 मरीज
एक सप्ताह से स्मॉग के कहर के कारण सोमवार को सिविल अस्पताल में खांसी-जुकाम सांस में तकलीफ और आंखों में जलन के मरीजों की कतार लगी रही।
पानीपत, जेएनएन। एक सप्ताह से स्मॉग के कहर के कारण सोमवार को सिविल अस्पताल में खांसी-जुकाम, सांस में तकलीफ और आंखों में जलन के मरीजों की कतार लगी रही। दोनों ओपीडी में क्रमश: 200 और 40 नए मरीज पहुंचे। शिशु रोग ओपीडी में भी करीब 35 फीसद बच्चे स्मॉग के कारण बीमार दिखे। दिन सोमवार, समय दोपहर करीब पौने बारह बजे।
रजिस्ट्रेशन विंडो पर ओपीडी स्लिप बनवाने के लिए लंबी कतार दिखी। विधवा, सीनियर सिटीजन के लिए बनी विंडो पर भी सामान्य मरीजों का कब्जा रहा। त्वचा रोग ओपीडी चार दिन बाद खुली, नतीजा मरीजों की भीड़ रही। अपराह्न दो बजे तक सभी मरीजों का चेकअप हो जाए, इसके चलते 12 बजे स्किन रोगियों की स्लिप बंद कर दी गई। मेडिसिन ओपीडी में दोहरी लंबी कतार लगी रही। करीब 50 फीसद मरीजों को ओपीडी स्लिप पर लिखी सभी मेडिसिन नहीं मिली। गनीमत रही कि रेडियोलॉजी विभाग में अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे मशीन रनिंग में रहीं।
स्मॉग के कारण करीब 35 फीसद बच्चे बीमार हैं। खांसी-जुकाम के साथ सांस लेने में तकलीफ हो रही है। बलगम बन रहा है, कुछ को बुखार भी है। गुनगुना पानी पीने, स्मॉग से बचाव की सीख दी जा रही है।
डॉ. निहारिका, शिशु रोग विशेषज्ञ
आंखों में जलन, लाली, पानी आना, खुजली के काफी नए मरीज सामने आए हैं। मरीजों को साफ पानी से आखें धोने, घर से बाहर निकलते समय चश्मा पहनने का परामर्श दिया गया है। कपड़े से नाक-मुंह भी ढकें।
डॉ. शालिनी मेहता, नेत्र रोग विशेषज्ञ
छह दिन से खांसी-जुकाम-बुखार है। घर से बाहर निकलने पर दम घुटता है। एक घंटे से कतार में हूं, ओपीडी में नंबर नहीं आया है।
रमेश, मरीज गांव सुताना।