जिद कर मौसी के घर गए थे, यमुना में समा गई जिंदगी
पानीपत में यमुनानगर में छह लोगों की मौत का गम परिवार वालों को हमेशा रहेगा। जिस मौसेरे भाई सागर से मिलने गए थे उसी के साथ पानी में दम भी तोड़ दिया।
पानीपत, जेएनएन। यमुना में डूबने से दो महिलाओं व चार बच्चों की मौत से तीन गांवों में मातम छाया हुआ है। करहंस गांव के गौरव उर्फ गर्व और चंदौली से बादल को स्वजनों ने कहा था कि मौसी के घर मत जाओ। आगे स्कूल की छुट्टियों में चले जाना। वे मौसेरे भाई सागर से मिलने के लिए आतुर थे। स्वजनों की बात को अनसुना कर सोमवार शाम को जलमाना पहुंच गए। मंगलवार सुबह पूजा के लिए मौसी व उसके स्वजनों के साथ जाने की जिद पर अड़े रहे। उन्होंने क्या था पता था कि यमुना में उन्हें मौत खींच
ले जाएगी। वे जिस भाई सागर से मिलने गए थे उन्हीं के साथ पानी के आगोश में सदा के लिए समा गए। पीछे छोड़ गए तो स्वजनों के लिए ताउम्र का गम।
बेटा-बेटी का संस्कार कर फफक पड़े सुशील
सुशील पत्नी सोनिया की मौत से उबर पर भी नहीं पाए थे कि बुधवार को लाडले बेटे सागर व बेटी पायल के शवों का संस्कार करना पड़ा। वे फफक पड़े और बोले कि इससे बड़ा दुख क्या होगा कि जिस बेटा-बेटी को गोद में खिलाया। वे ही आंखों के सामने दम तोड़ गए। अब जिंदगी काटना मुश्किल हो गया है।
लोगों ने उन्हें सांत्वना दी।
तीन गांवों में नहीं जले चूल्हे
यमुना में हुए हादसे से जलमाना, करहंस और चंदौली गांव में लोग गमजदा हैं। लोगों को घरों में ठीक से चूल्हे तक नहीं जले। स्वजन विलाप करते रहे। लोग उन्हें बार-बार दिलासा देते रहे। गौरव के पिता दलीप व मां देवीरानी मजदूरी करते हैं। बड़ा भाई हर्ष 12वीं कक्षा में पढ़ता है।
पानी के ऊपर आ गए थे तीनों के शव
डीसी धर्मेंद्र सिंह के आदेश पर रात भी यमुना में टार्च की रोशनी में सर्च अभियान चलाया गया। नायब तहसीलदार बापौली नरेश कौशल और थाना प्रभारी श्रीभगवान मोटर बोट से पानी में बच्चों को शवों को तलाशते रहे। बुधवार सुबह ड्रोन से भी निगरानी की गई। बुधवार सुबह पशुपालकों को बच्चों का शव पानी के ऊपर तैरता दिखाई दिए। इसके बाद गोताखोरों की मदद से शवों को बाहर निकाला गया।
सांसद के पुत्र ने भी पीडितों का दुख बांटा
संसद के मानसून सत्र में व्यस्त होने से सांसद संजय भाटिया की अनुपस्थिति में उनके पुत्र चांद भाटिया जलमाना के सरपंच सुंदरपाल रावल और पूर्व चेयरमैन सुरेंद्र के साथ यमुना नदी के घाट पर तीनों शवों की बरामदगी होने तक मौजूद रहे। भाटिया ने पीडि़त परिवार को सांत्वना दी और सहयोग का भरोसा दिलाया।