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सर्दी के मौसम में बच्‍चों के लिए निमोनिया हो सकता है जानलेवा, जानिए लक्षण और बचाव

सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है। अब बच्‍चों में निमोनिया का भी खतरा है। बच्‍चों की सेहत का ख्‍याल रखें। वहीं निमोनिया के खतरे से आगाह करने के लिए आशा वर्कर्स घर-घर दस्‍तक देंगी और बचाव लक्षण के बारे में बताएंगी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 18 Nov 2021 08:11 AM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 08:11 AM (IST)
सर्दी के मौसम में बच्‍चों के लिए निमोनिया हो सकता है जानलेवा, जानिए लक्षण और बचाव
सर्दी के मौसम में निमोनिया का खतरा।

पानीपत, जागरण संवाददाता। सर्दी के मौसम में बच्चों को खांसी-जुकाम-बुखार के साथ सबसे अधिक खतरा निमोनिया का रहता है। इसी खतरे से आगाह करने के लिए आशा वर्कर्स घर-घर दस्तक देंगी। कार्यक्रम को वी-केयर-फार-चाइल्ड नाम दिया गया है।घरों में महिलाओं को रोग के लक्षणों और बचाव की जानकारी देंगी ताकि वे नौनिहालों की ठीक से देखभाल कर सकें।

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जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआइओ) डा. शशि गर्ग ने दैनिक जागरण को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल के मीटिंग हाल में आशा वर्कर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे फील्ड में लोगों को बेहतर ढंग से समझा सकें। इस दौरान किसी घर में निमोनिया से ग्र्रस्त बच्चा है तो उसे अस्पताल पहुंचाने की सलाह स्वजनों को दी जाएगी। एक सप्ताह के इस कार्यक्रम में निमोनिया से बचाव के लिए सरकारी अस्पतालों में लगने वाले न्युमोकोकल कन्जुगेटेड वैक्सीन (पीसीवी) की जानकारी दी जाएगी। डा. गर्ग के मुताबिक सर्दी के मौसम में शून्य से पांच वर्ष के बच्चों को निमोनिया का ज्यादा खतरा रहता है।

इस आयु के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण निमोनिया ही है। केंद्र व हरियाणा सरकार शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए ऐसे अभियान चला रही हैं। बच्चे अपनी पीड़ा बता नहीं सकते, ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। निमोनिया के मामूली लक्षण भी देखें तो बच्चे को तुरंत डाक्टर के पास लेकर पहुंचे।

निमोनिया के लक्षण

-श्वास का तेज चलना।

-पसलियों का चलना।

-तेज बुखार, खांसी।

ऐसे करें बचाव

-बच्चे को गर्म कपड़े पहनाकर रखे।

-गुनगुना पानी ही पीने को दें।

-गुनगुना पानी से ही उसे नहलाएं।

-नियमित टीकाकरण कराएं।

-खांसते हुए बच्चे की नाक-मुंह पर रूमाल रखें।

-बच्चे को छूने से पहले अपने हाथों को धोएं।

-बच्चे को चिकित्सक के बताए अनुसार आहार दें।

-छह माह तक के बच्चे को मां का दूध जरूरी।

व्यस्काें को भी निमोनिया

डा. शशि गर्ग ने बताया कि व्यस्कों को भी निमोनिया का खतरा रहता है। बैक्टीरिया, वायरस, सूक्ष्मजीव निमोनिया का कारण बन सकते हैं। कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर जल्द अटैक करता है।

व्यस्क ऐसे करें बचाव

-धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।

-सर्दी से बचने के लिए पर्याप्त कपड़े पहनें।

-खांसी-जुकाम-बुखार होने पर तुरंत दवा लें।

-घर-आफिस में हवा का आदान-प्रदान हो।

-शुगर को नियंत्रण में रखें, रोगी सजग रहें।

-पौष्टिक आहार लें, डाइट चार्ट बनवा लें।


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