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साली ने दूल्‍हे की कर दी थाने में शिकायत, मामला जानकार रह जाएंगे हैरान

पानीपत में बाल विवाह हुआ। किशोरी की अक्‍टूबर में शादी हुई थी। किशोरी की बहन ने दी थी बाल विवाह निषेध अधिकारी काे शिकायत। लड़के के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामला जाटल रोड की आठ मरला कालोनी का है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 29 Dec 2021 12:55 PM (IST)Updated: Wed, 29 Dec 2021 12:55 PM (IST)
साली ने दूल्‍हे की कर दी थाने में शिकायत, मामला जानकार रह जाएंगे हैरान
पानीपत में बाल विवाह का मामला सामने आया।

पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत के जाटल रोड, आठ मरला कालोनी में 17 अक्टूबर 2021 को लड़की के बाल विवाह मामले में माडल टाउन थाना में बाल विवाह अधिनियम-2006 की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है।जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने मुकदमा दर्ज करने के लिए माडल टाउन थाना को पत्र भेजा था।

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रजनी गुप्ता काे बाल विवाह की शिकायत किशोरी की बहन ने दी थी। दर्ज मुकदमा के मुताबिक आठ मरला वासी व्यक्ति ने अपनी नाबालिग बेटी की शादी 17 अक्टूबर 2021 को पानीपत के गांव बराना निवासी रोहित पुत्र जसवीर के साथ कर दी थी। स्कूल प्रमाण-पत्र के अनुसार लड़की की जन्मतिथि सात जुलाई 2004 है। यानि शादी के समय उसकी आयु 17 साल तीन माह थी। लड़के की जन्मतिथि सात जुलाई 2000 है। उसकी भी शादी के लायक आयु (बालिग था लेकिन 21 वर्ष का नहीं) नहीं हुई थी। पुलिस ने रोहित सहित अन्य के खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 की धारा-9, 10 व 11 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। बाल विवाह संज्ञेय अपराध की श्रेणी में गैर जमानती अपराध है।

पुलिस कभी भी रोहित को गिरफ्तार कर सकती है। बताना जरूरी है जांच के दौरान बाल विवाह कराने में शामिल अन्य लोगों को भी पुलिस आरोपित बना सकती है।

धारा-9 में प्रवधान

अठारह वर्ष से अधिक आयु का वयस्क पुरुष बाल-विवाह करेगा तो उसे पांच साल का कठोर कारावास, दो लाख रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

धारा-10 में प्रवधान

इस धारा के तहत बच्चों के बाल विवाह करने वाले स्वजनों को आरोपित बनाया जाता है। सजा-जुर्माना का प्रवधान है।

धारा-11 में प्रवधान

इस धारा के तहत बाल विवाह में शिरकत करने वाले दोनों पक्षों के मेहमान, हलवाई, बैंड बाजा वाला, बैंकट हाल स्वामी, फेरे या निकाह कराने वाला पंडित को आरोपित बनाया जा सकता है।

ऐसे होता रहा संशोधन

भारतीय संविधान में विभिन्न कानूनों और अधिनियमों के माध्यम से बाल विवाह को रोकने का प्रवधान है। बाल विवाह पर रोक संबधी कानून सर्वप्रथम वर्ष-1928 में शारदा एक्ट के रूप में लागू हुआ था। इसे 1929 में पारित किया गया था। वर्ष 1949, 1978, 2006 में इसमें संशोधन किए गए। वर्तमान में बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 लागू है।


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