बच्चों की दर्दनाक कहानी, मां और नानी काम पर भेजती हैं, दुकानदार आराम नहीं करने देता
स्वजन स्कूल नहीं भेजते जबरन दुकान पर काम के लिए भेजते हैं। बाल श्रम करते हुए बच्चों को पकड़ा। दुकानदारों पर दर्ज किया जा रहा केस। इन बच्चों ने मासूमियत से कहा क्या करें बहुत काम करना पड़ता है। पढ़ने नहीं भेजते।
पानीपत, जेएनएन। बाल श्रम करवाना अपराध है, लेकिन शहर के दुकानदारों को इसकी परवाह नहीं हैं। उन्हें सस्ते श्रमिक मिल जाते हैं और वे बेखौफ होकर उनसे सुबह से रात तक काम करवाते हैं। स्वजन भी बच्चों को स्कूल भेजने की बजाय आमदनी के लालच में बच्चों को दुकानों पर काम के लिए भेज रहे हैं। स्टेट क्राइम ब्रांच ने ऐसे चार बच्चों को दुकानों पर काम करते पकड़ा। पुलिस ने आरोपित दुकानदारों और स्वजनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
केस-एक : मां व नानी जबरन दुकान पर भेजती हैं, दुकानदार आराम नहीं करने देता
क्राइम ब्रांच की टीम ने पुरेवाल कालोनी में गारमेंट्स की दो दुकान से 11 और 12 साल के दो बच्चों को काम करते पाया। इनमें से एक बच्चे ने टीम को बताया कि पिता की मौत हो चुकी है। मां और नानी स्कूल नहीं जाने देती। वे उसे जबरन दुकान पर भेजते हैं। दुकान मालिक सारा दिन काम करवाता है। बीच में आराम भी नहीं करने देता है। इसी तरह से दूसरे बच्चे ने बताया कि पिता जबरदस्ती उसे दुकान पर भेजता है। दुकानदार डांट कर काम लेता है। दुकानदार काम के बदले पैसे भी उसे नहीं देता है।
केस-दो : दस घंटे काम करवाते हैं, डांटते भी हैं
इंसार बाजार और देसराज कालोनी की दो दुकानों से दो बच्चों को काम करते पकड़ा। एक बच्चे ने बताया कि दुकानदार उससे सुबह 10 से रात 8 बजे तक काम करवाता है। दुकानदार उसे भी डांटता है। उसने स्वजनों को भी बताया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं करते हैं।
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