एनएचएम भर्ती गड़बड़झाले में सीएम विडो पर अपलोड की जांच रिपोर्ट
आरोप था कि चयन कमेटी ने राज्य सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए सभी को लोकल का महत्व और 20 अंक दिए हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत दिसंबर-2019 में 66 पदों पर हुई भर्ती में हुए गड़बड़झाला में नगराधीश रवींद्र मलिक ने जांच रिपोर्ट सीएम विडो पर अपलोड कर दी है। उन्होंने अपनी टिप्पणी में लिखा है कि पहले ही जांच हो चुकी है। इस शिकायत तो आफिस साइड से हटाया जाए। हालांकि, इस मामले में सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा जानकारी देने से कतराते रहे हैं।
यह है मामला
एनएचएम के तहत जनवरी 2020 में 66 कर्मियों को नियुक्ति दी गई थी। गांव हथवाला वासी रणबीर सिंह ने फरवरी 2020 में सिविल सर्जन, डीसी, सीएम विडो, स्वास्थ्य मंत्री, एनएचएम के हरियाणा निदेशक और गृह मंत्री को शिकायत पत्र भेजा था। आरोप था कि चयन कमेटी ने राज्य सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए सभी को लोकल का महत्व और 20 अंक दिए हैं। कुछ के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी और पूरे नहीं होने का भी आरोप था। एनएचएम निदेशक के आदेश पर डीसी धर्मेद्र सिंह ने तत्कालीन नगराधीश अनुपमा मलिक से मामले की जांच कराई थी। यह भेजी थी जांच रिपोर्ट
नगराधीश ने जांच रिपोर्ट पूरी कर 16 अक्टूबर 2020 को डीसी को सौंपी थी। डीसी कार्यालय से सात दिसंबर 2020 में रिपोर्ट एनएचएम निदेशक को भेजी जा चुकी है। रिपोर्ट में लिखा था कि चयन प्रकिया ठीक ढंग से नहीं की गई, ऐसा प्रतीत होता है। इस जांच रिपोर्ट पर 23 फरवरी को शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर भी मौजूदा नगराधीश ने कराए थे। दिए थे भर्ती रद करने के आदेश
जिला प्रशासन द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के बाद एनएचएम निदेशक ने 30 दिसंबर 2020 को सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा को आदेश दिए थे कि जिन्हें 20 अंक का महत्व दिया गया, उन पदों को डीसी के माध्यम से रद कराया जाए। चयन कमेटी में शामिल सदस्यों के नाम भेजें ताकि अनुशासनिक कार्यवाही के लिए संस्तुति की जाए। 12 फरवरी 2021 को भी निदेशक ऐसा ही रिमाइंडर भेज चुके हैं। अब यह है केस की स्थिति
नगराधीश कार्यालय की जांच रिपोर्ट व एनएचएम हरियाणा के निदेशक द्वारा भर्ती रद करने के आदेश के बाद भी इस गड़बड़झाला की दोबारा जांच की जा रही है। हालांकि, दोबारा जांच को लेकर निदेशक 22 जनवरी को सिविल सर्जन से स्पष्टीकरण मांग चुके हैं। इतना ही नहीं, 12 फरवरी के एक पत्र में निदेशक ने दो टूक कहा कि 30 दिसंबर 2020 को जारी निर्देशानुसार कार्यवाही करें।